प्याज को ले कर मचा हाहाकार प्याज के दामों ने निकाला दम

नई दिल्ली : देश की सियासत को हिलाने की कूवत रखने वाले प्याज का रंग व महक पूरे आलम में आजकल छाई हुई है. ज्यादातर हिंदुस्तानी लोगों का खाना प्याज के बगैर अधूरा रहता है, इसीलिए करीबकरीब हर साल प्याज अपना वजूद जाहिर करने से नहीं चूकता. आमतौर पर 10 से 20 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिकने वाला प्याज जब 40-50 का दायरा पार कर लेता है, तो आम लोगों को तकलीफ होने लगती है. आजकल सब्जी मंडी का आलम कुछ वैसा ही है. घटिया प्याज 60 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मिल रहा है, तो बेहतरीन प्याज 80 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध है. तमाम दुकानदारों के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में प्याज के दाम 100 रुपए प्रति किलोग्राम भी हो सकते हैं. ऐसे में हाहाकार मचना लाजिम है. भारत की सब से बड़ी थोक मंडी नासिक के लासलगांव में पिछले दिनों प्याज का दाम 4900 रुपए प्रति  कवटल तक पहुंच गया था, जो पिछले 2 सालों का सब से ऊंचा स्तर है. इसी वजह से खुदरा स्तर पर दिल्ली में प्याज के दाम 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए.

नेशनल हार्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के निदेशक आरपी गुप्ता के मुताबिक गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में खेतों से प्याज उखाड़ने में देरी होने की वजह से इस की आपूर्ति में कमी हुई है, नतीजतन कीमतों में इजाफा हुआ है. जल्दी ही इस मामले में राहत मिलने की खास उम्मीद नहीं है, क्योंकि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में बरसात कम होने की वजह से खरीफ वाले प्याज के उत्पादन में कमी होने का अंदाजा है. इधर देश में जमा किया गया प्याज का भंडार 28 लाख टन से घट कर आधा यानी करीब 14 लाख टन हो गया है और मौजूदा हालात में प्याज के इस भंडार के लगातार घटने के आसार हैं. केंद्र सरकार इस मामले में लगातार हाथपांव मार रही है. वह 10 हजार टन प्याज के आयात के लिए वैश्विक टेंडर जारी करने को कह चुकी है. पांजब के प्याज वितरक अफगानिस्तान से भी प्याज आयात कर रहे?हैं. केंद्र सरकार की कोशिशों का असर एशिया की प्याज की सब से बड़ी मंडी नासिक के लासलगांव (महाराष्ट्र) और देश की राजधानी दिल्ली की आजादपुर मंडी में कुछ हद तक दिखने लगा है, मगर फिलहाल हालात काबू में नहीं कहे जा सकते. वैसे सरकार ने प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने की खातिर निर्यात कीमत को 425 अमेरिकी डालर प्रति टन से बढ़ा कर 700 अमेरिकी डालर प्रति टन कर दिया है. इस के अलावा केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार से प्याज की जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए भी कहा है. दिल्ली और उस के आसपास के इलाके के लोगों को आंध्र प्रदेश व कर्नाटक से आने वाले प्याज से काफी राहत पहुंचने की उम्मीद है.                    

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