हमारे गांवों के खेतों में गेहूं की फसल पक कर खड़ी है. कहीं तो इस की कटाई भी शुरू हो गई है, तो कहीं फसल कटने वाली है. अकसर देखने में आया है कि कहींकहीं फसल कटने के बाद भी कईकई दिनों तक खेत में पड़ी रहती है, क्योंकि फसल गहाई के लिए कृषि यंत्रों का भी इंतजार करना पड़ जाता है या कंबाइन से अनाज तो ले लिया, लेकिन उस के फसल अवशेष खेतों में ही पड़े रह जाते हैं. अब गरमी भी चरम पर होती है. ऐसे में आग लगने का खतरा भी ज्यादा रहता है और फसल जल कर खाक हो सकती है.

इन्हीं बातों को ले कर फार्म एन फूड को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, सोहांव, बलिया के अध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि आगजनी न हो, इस पर खास ध्यान देने की जरूरत है. पैदल, मोटरसाइकिल, कार, जीप, ट्रैक्टर या दूसरे साधन से जा रहे हों, तो बीड़ीसिगरेट रास्ते में कतई न पीएं और न ही किसी को पीने दें. जरा सी लापरवाही किसी की सालभर की कमाई बरबाद कर सकती है.

कभीकभी ईंधनचालित वाहनों में खराबी आ जाने के चलते उस के धुएं के साथ चिनगारियां भी निकलती हैं. उसे ठीक कराने के बाद ही सफर करें. जिस खेतखलिहान के ऊपर से बिजली के तार निकल रहे हों, उस की भी निगरानी रखने की जरूरत है. बिजली के खंभे के पास से कभीकभी हवा चलने पर तारों के सटने से चिनगारियां निकलती हैं, उस से बचने की जरूरत है.

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