गांव हो या शहर पढ़ाई लिखाई के बावजूद कई महिलाएं किसी प्रोफैशनल कोर्स के अभाव में जिंदगी भर चौके चूल्हे तक ही सीमित रह जाती हैं. जिस से उन्हें तमाम तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ता है. इन्हीं मुसीबतों की एक कड़ी रोजगार से जुड़ी हुई है. जिस का प्रमुख कारण रोजगार के अवसरों पर पुरुषों का वर्चस्व भी रहा है.

लेकिन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए  रोजगार के भरपूर अवसर हैं. इन में से एक है सिलाई का काम. सिलाई एक कला है. हर महिला में यह कला थोड़ी बहुत होती ही है. बस, जरूरत होती है इसे निखारने की और यह काम आसान कर देती है सिंगर स्विंग मशीन.

सिलाई एक ऐसी कला है जिसे महिलाएं अपने घर पर रह कर भी कर सकती हैं. इस से अच्छी आमदनी के साथसाथ घरपरिवार की देखभाल और उन का साथ भी लगातार बना रहता है. यही कारण है कि महिलाओं में सिलाई सीखने की लगन सब से अधिक देखी गई है. भारत में रोजगार के क्षेत्र में महिलाएं सर्वाधिक सिलाई के काम से जुड़ी हुई हैं.

इस कार्य में महिलाओं की कई एनजीओ भी मदद कर रहे हैं. जिन महिलाओं को सिलाई नहीं आती या थोड़ी बहुत आती है उन्हें सिलाई का  काम सिखा कर रोजगार दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी मुहिम में सिंगर स्विंग मशीन का नाम भी जुड़ गया है. महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिंगर स्विंग मशीन ने दिल्ली एनसीआर और अन्य राज्यों के कई स्कूलों में अपनी मशीनें लगाई हैं और 3 से 6 माह की अवधि का सिलाई कोर्स आरंभ किया है. यह कोर्स महिलाओं की सिलाई की कला को तो निखारता ही साथ ही उन्हें प्रोफैशनल सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराता है, जिस से की वे भविष्य में इस कला के जरिए रोजगार हासिल कर सकें. साथ ही स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का जीवन जी सकें. इस के अतिरिक्त सिंगर स्विंग मशीन कोर्स करने वाली छात्राओं को कोर्स के पूरा होने पर विशेष छूट पर सिलाई मशीने खरीदने का अवसर भी देती है ताकि छात्राएं जल्द से जल्द अपना काम शुरू कर सकें और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें. सिंगर स्विंग मशीन ने कुछ एनजीओ को भी अपने इस कार्य में शामिल किया है. जहां ट्रैंड सिलाई टीचरों द्वारा महिलाओं को सिलाई का काम सिखाया जाता है. इस कोर्र्स को चला रहे एक सैंटर में पंजीकृत छात्रा की माने तो, ‘‘मुझे इस सैंटर में आ कर सिलाई सीखना बहुत पसंद है. यहां बिताए पल मेरे दिन के सब से खुशनुमा पल होते हैं, क्योंकि सिलाई के अलावा मैं ने यहां कुछ अच्छे दोस्त भी बनाए हैं जिन से सिलाई के अलावा भी मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. मैं यहां हर रोज आना चाहती हूं.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...