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संपादकीय
मेरे पापा सिर्फ आप हैं
आशीष के मन में कई तरह के सवाल को देखकर घर वाले परेशान हो गए थें कैसे इसे समझाया जाएं.
भाग - 1
अब बच्चा प्राप्त करने के लिए यदि स्त्री अपने पति के अलावा किसी अन्य से सम्बन्ध बनाये तो उसे पाप की श्रेणी में रखने वाले कम नहीं हैं, पर क्या वास्तव में यह पाप है?
भाग - 2
एक दिन अचानक रागिनी ने घर में खुशियों का बम फोड़ दिया. शाम को संजीव आॅफिस से लौटे तो घर में औरतों का जमावड़ा लगा था.
भाग - 3
‘अखबार में रागिनी की तेरहवीं का विज्ञापन देखा था. खुद को रोक नहीं पाया. कई सालों से मन छटपटा रहा था अपने बेटे को देखने के लिए. रागिनी ने फोन पर बताया था कि बेटा हुआ है
भाग - 4
संजीव के दिमाग में विचारों की आंधी चल रही थी. आशीष को क्या बताएं? कैसे बताएं? बताएं कि न बताएं? वह किसी फैसले पर नहीं पहुंच पा रहे थे.
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