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डांस करतेकरते कर्ण थक चुका था, बोला, ‘यहां बहुत शोर है. चलो, कहीं और चलते हैं.’ इतने में थौमस, मिस्टर कन्फ्यूज बोले, ‘आज कुछ नई जगह आजमाते हैं.’

‘कौन सी ऐसी जगह है जो हम ने नहीं देखी,’ जस्सी ने पूछा?

‘गे क्लब.’

गे क्लब का नाम सुनते ही सब के कान खड़े हो गए.

‘तजरबे के लिए,’ थौमस ने सकपकाते हुए कहा.

‘तजरबा ही सही. देयर इज औलवेज अ फर्स्ट टाइम, हर्ज ही क्या है?’

इतना सुनते ही तीनों के हंसी के फौआरे छूट पड़े.

‘हंस क्यों रहे हो? मजाक नहीं कर रहा.’

थोड़ी हिचकिचाहट के बाद तीनों बड़ी उत्सुकता से गे क्लब की ओर चल पड़े. ऐश थका हुआ था क्योंकि अभीअभी वह नाट्य प्रदर्शन कर के आया था. गे क्लब पहुंचते ही वे हक्केबक्के रह गए. पुरुष महिलाओं के भेष में और महिलाएं पुरुषों के भेष में. पूरे मेकअप और विग के साथ, उन के हावभाव और व्यवहार से स्त्रीपुरुष के भेद का अनुमान लगाना कठिन था. अंगरेज, अफ्रीकन, चीनी, भारतीय सभी स्त्रीपुरुष गे थे. कर्ण, ऐश और जस्सी का यह पहला अनुभव था.

‘देख कर्ण, थौमस कैसे सब से घुलमिल कर बातें कर रहा है,’ ऐश ने कहा, ‘मुझे तो लगता है कि वह यहां पहले भी आ चुका है.’

‘ऐश, मेरा तो यहां दम घुट रहा है. लगता है हम किसी दूसरे लोक में आ पहुंचे हैं,’ कर्ण ने घबराते हुए कहा.

‘देखदेख कर्ण, वह लगातार मुझे निहार रही है. मुझे डर लग रहा है,’ ऐश ने घबरा कर कहा.

‘निहार रही नहीं, निहार रहा है. उस की दाढ़ी देख, उस के हाथ देखे हैं, एक थप्पड़ मारा तो मुंह दूसरी तरफ मुड़ जाएगा. उस की मोटीमोटी टांगें देख, जिस ने गुलाबी टाइट्स डाली हैं. वह देख, नीली स्कर्ट वाली. पिछले आधे घंटे से उस की नजरें तुझ पर टिकी हैं. देखदेख, कितने प्यार से तुझ पर फ्लाइंग किसेज फेंक रही है,’ जस्सी ने मुलायम सी मुसकान फेंकते हुए कहा.

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