आंध्र प्रदेश को काट कर तेलंगाना को बनाने का केंद्र सरकार का निर्णय ठीक ही रहा है. इस मामले को ले कर आंध्र प्रदेश में आएदिन बेवजह दंगेफसाद होते रहते थे. छोटे?राज्य देश की अखंडता को मजबूत करते हैं, कमजोर नहीं क्योंकि छोटे राज्य का मुख्यमंत्री लुंजपुंज, प्रभावहीन बन कर रह जाता है. आजकल जनता अपने शासकों से बहुतकुछ चाहने लगी है और राज्य बड़ा हो या छोटा, भाव तो मुख्यमंत्री को ही मिलता है. बड़े राज्य का मुख्यमंत्री संतुलन बैठाने व अलगअलग क्षेत्रों के लोगों से मिलने में इतना समय खर्च कर देता है कि उस के पास राज करने की फुरसत ही नहीं रहती.

राज्य इतने छोटे हों कि मुख्यमंत्री हैलिकौप्टर से आधे घंटे में हर जगह पहुंच सकें. अब समय आ गया है कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल को काटा जाए. गोआ, पौंडिचेरी, उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों को दूसरों से मिलाया भी जा सकता है. तेलंगाना चाहे कांग्रेस की मजबूरी रही हो पर गलत नहीं है.        

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