अंगरेजी चैनल देखने वालों को जैकी चेन का नाम मालूम होगा जिस की ऐक्शन फिल्मों की भरमार है और जो स्टंट सीन बड़ी सहजता व स्वाभाविकता से करता है. जैकी चेन का कैरियर हौंगकौंग में फूलाफला. अब वह मेन लैंड चीन का एक जानापहचाना नाम है और इसीलिए वह वहां नशा विरोधी अभियान का ब्रैंड एंबैसेडर है. चीनी सरकार अफीम के धब्बे को मिटाने के लिए नशे के बारे में बहुत संवेदनशील है. वहां नशे के खिलाफ कानून सख्त ही नहीं, उन पर सख्ती से अमल भी किया जाता है.

इसलिए जब जैकी चेन का बेटा जैसी बीजिंग में अपने घर में नशेड़ी दोस्तों के साथ पकड़ा गया तो खबर बननी ही थी. पुलिस ने उस पर आरोप लगाया है कि नशीली दवा रखने के साथ उस ने दूसरों को नशा करने की जगह मुहैया कराई. ये दोनों ही गंभीर अपराध हैं. इस मामले को वहां के अखबारों ने खूब उछाला. जैकी चेन ने दुख प्रकट किया कि उस का बेटा उसी के अभियान के खिलाफ काम कर रहा है. उसे उम्मीद है कि जैसी जल्दी ही सुधर जाएगा.

ऐसा बहुत मामलों में होता है कि बड़े बाप का बेटा अपने बाप को चिढ़ाने, तंग करने या दूसरों द्वारा सिखाए जाने पर ऐसे काम करना शुरू कर देता है जो पिता के लिए शर्मनाक होते हैं. हमारे यहां महात्मा गांधी के बेटे हीरालाल को इसी सूची में माना जा सकता है जिस ने नशा ही नहीं किया, कर्ज लिया, धोखाधड़ी की, धर्म बदला, आवारा औरतों के साथ पकड़ा गया. जबकि आजादी से पहले उस के बाप का नाम सुनते ही बड़े से बड़ा अफसर, यहां तक कि गोरा अफसर भी मुंह बंद कर लेता और पकड़ ढीली कर देता था.

बेटों का बापों से विद्रोह आम बात है क्योंकि बडे़ बाप का बेटा अपने सामान्य पिता को बचपन से ही खो देता है. उसे दिखता है कि पिता अपने कामकाज में इतना व्यस्त है कि वह न उस की ओर ध्यान देता है, न उस की मां की ओर. ऐसे में वह अपने दुखों की दीवार तो ऊंची करता ही जाता है, मां के प्रति व्यवहार के कारण, उस पर सीमेंट भी लगाता जाता है.बड़े बापों को अपने बच्चों का खयाल करना होगा कि वे राह से न भटकें. समय की कमी का रोना न रोएं. परिवार के सदस्यों को प्यारदुलारफटकार सब दें. उन्हें गुस्सा न होने दें. 4-5 वर्ष की उम्र की यादें भी वर्षों नम रहती हैं और बारबार झलकती रहती हैं. जैकी चेन से सभी को हमदर्दी होगी पर यह एक पाठ है जो हर पिता को पढ़ना चाहिए.

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