धर्म के हथियार बना कर सत्ता, पाने का जो सफल एक्सपैरीमैंट किया गया है उस में दोस्तों में भी किस तरह की खाई पैदा हो जाती है. उस का उदाहरण दिसंबर में अंत में हरियाणा के पलवल इलाके में किया. इस घटना में 4 युवा दोस्त जिन में एक मुसलिम था, एक शादी में गए और पीकर अपने गांव लौटते हुए उन का एक मोबाइल को लेकर झगड़ा हो गया. 3 हिंदू युवकों को पता चला कि मोबाइल मुसलिम दोस्त ने छिपाया है तो उसे दोस्ताना मामला न समझ कर उस की पिटाई यह वह कर शुरू कर दी कि वह मुसलिम है.

हिंदूमुसलिम जहर उस तरह भर डाला गया है जो 4 जने साथसाथ एक शादी में गए, वहां साथ खायापिया, साथ लौटे पर रास्ते में उनका झगड़ा हो गया तो धर्म बीच में टपक पड़ा.

धर्म के दुकानदारों ने अपनी दानदक्षिणा, अपने मंदिरों के लिए चंदा उगाहने अपने मंदिरों में औरतों की लाइनें लगवाने और आखिर में वोट पाने की खातिर घरघर में धर्म का जहर कि बोतलें बांट दी है. इनका इस्तेमाल खुलेआम ही रहा है.

अभी तक केवल हिंदू  और केवल मुसलिम स्कूल नहीं खुल रहे हैं और इसलिए स्कूलोंकालेजों में हिंदू मुसलिम युवा खुल कर मिलते है और लडक़पन का मजाक, हंसी दिनलगी, छेडख़ानी करते हैं जहां लड़कियां साथ पढ़ती हो वहां प्रेम प्रसंग और दोस्तियां भी होती है पर जहां जरा सी खटास हो, जो किसी भी दोस्तों या सहयोगी के साथ आम बात है, अचानक धर्म का जहर की दी गई बोतल खुल जाती है. एकदूसरे पर धर्म को लेकर तूतू मैंमैं होने लगती है.

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