म्यांमार में घुस कर उग्रवादियों पर हमला कर भारत सरकार ने उग्रवाद से निबटने में कड़ा रुख अपनाया है. मणिपुर में सक्रिय जिस गुट ने भारतीय सेना के 18 जवानों को मारा था और फिर म्यांमार में जा छिपे थे, उन पर म्यांमार में घुस कर हमला करना अपनेआप में नया काम था क्योंकि पड़ोसी देश में पनाह ले रहे आतंकवादियों पर हमला करने का कानूनी हक भारत को न था. बजाय इस के कि इस काम के लिए बाद में म्यांमार सरकार से समझौते का रुख अपनाने के नरेंद्र मोदी की सरकार के मंत्री और भक्त इसे बढ़ाचढ़ा कर पेश करने लगे, मानो उन्होंने एवरेस्ट पर कब्जा कर लिया हो या चांद पर सैनिक उतार दिए हों. इस से म्यांमार ही नहीं, पाकिस्तान ने भी चिंता जताई और भारत के रुख की सख्त आलोचना की. जहां तक बहादुरी का प्रश्न है, यह औपरेशन अपनेआप में कठिन न था क्योंकि मणिपुर और म्यांमार का यह इलाका भौगोलिक दृष्टि से एकजैसा है और म्यांमार ने भारत की सीमा के पास कोई टैंकों, तोपों की फौज जमा नहीं कर रखी. यह लगभग बिना निशानों वाली सीमा है जिस के आरपार आम स्थानीय नागरिक आतेजाते रहते हैं अगर वे अपना छोटामोटा कामकाज कर रहे हों. एकदूसरे देश में घुस कर औपरेशन करना आम बात है और छोटेमोटे अपराधियों का पीछा करते सभी सीमाओं के अंदर देशों की पुलिस आतीजाती रहती है और कोई अंतर्राष्ट्रीय होहल्ला नहीं मचता.

यहां होहल्ला हम ने खुद मचाया और पाकिस्तान को चेतावनी देने की कोशिश की जिस पर पाकिस्तान के नेताओं ने एटम बम तक की धमकी दे डाली है. पड़ोसियों के साथ हिलमिल कर रहना जरूरी होता है और एकदूसरे की थोड़ी ज्यादतियां सहनी भी होती हैं पर केवल तब तक जब तक प्रतिष्ठा का प्रश्न न बने. हमारे भगवाई बड़बोले नेताओं ने इसे हनुमान की लंकादहन का सा रूप दे दिया जिस का परिणाम यह रहा था कि सीता मिली, पर तब जब लंबा भीषण युद्ध लड़ना पड़ा. होना तो यह चाहिए था कि भारत सरकार के कड़े रुख से म्यांमार उग्रवादियों को पनाह देना ही बंद कर दे और उन्हें पकड़ कर भारत सरकार के हवाले कर दे. इस रेड के बाद म्यांमार अपनी सार्वभौमिकता दिखाते हुए भारत सरकार के साथ सहयोग बंद कर सकता है. यह न भूलें कि म्यांमार का चीन से भी सीमा विवाद है पर चीन अपनी भारीभरकम फौज और आर्थिक सुदृढ़ता के बावजूद म्यांमार से भिड़ता नहीं है क्योंकि यह भिड़ंत निरर्थक होगी और उस में चाहे गलती म्यांमार की हो, थूथू चीनकी ही होगी. हम चाहे कितने गाल बजा लें, इस मुठभेड़ से भारत को जो मिला उस से ज्यादा जवाब देने होंगे.

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