दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के इशारे पर चल रहे दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच गहमागहमी चल रही है. अरविंद केजरीवाल का मानना है कि चूंकि जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया है कि उन की बात मानी जानी चाहिए पर उपराज्यपाल बारबार संविधान का हवाला दे कर कह रहे हैं कि दिल्ली तो केंद्र प्रशासित राज्य है और हर मामले में उपराज्यपाल यानी केंद्रीय गृह मंत्रालय यानी नरेंद्र मोदी सरकार ही निर्णय लेगी. एक तरह से नरेंद्र मोदी की सरकार कह रही है कि उन की बला से कि आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती होंगी, राज तो भारतीय जनता पार्टी कर रही है. आम आदमी पार्टी अफसरों की नियुक्तियों, भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो और कई मामलों में केंद्र सरकार से उलझने को मजबूर हुई है. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और भजभज मंडली के समर्थक लगातार कहने की कोशिश कर रहे हैं कि काम तो नियमकायदे से होना चाहिए. उन का रवैया तो पंडों जैसा है कि रिवाज और रस्में, पूजा और हवन, दान और दक्षिणा तो हिसाब से ही होंगे. आम आदमी पार्टी तो जजमान है जो चाहे कितनी सही हो, उसे काम तो पंडे नजीब जंग और महापंडित नरेंद्र मोदी के हिसाब से करना होगा.

केंद्र सरकार की यह जिद गलत है, खासतौर पर तब जब मुद्दे आम जनता के मतलब के हों. भ्रष्टाचार, अफसरों की पसंद आदि पर विवाद करना भाजपाई तानाशाही है जो पौराणिक ग्रंथों की या कम्युनिस्टी झलक देती है, जैसे एक मामला उद्योगों को दी गई पट्टे के आधार पर जमीन है. जमीन बेचने के बाद सरकार का दखल समाप्त हो जाना चाहिए पर दिल्ली ही नहीं, देशभर में कई जगह सरकारों ने चाय के प्याले में चम्मच की तरह अपनेआप को निरर्थक ठूंस रखा है. अब मुंह में प्याला लगाओ तो झटकेगा ही. आम आदमी पार्टी कहती है कि चम्मच को हटाओ, पट्टे के हक को समाप्त करो पर सरकारी अफसर और भाजपा सरकार तैयार नहीं है क्योंकि उस से ऊपर की काफी आमदनी होती है. जनता को परेशान करने का यह अनूठा तरीका है जो 100 साल से चला आ रहा है. संविधान चाहे जो कहे, काम जनता की राय पर और जनता की सुविधा के अनुसार होना चाहिए. अगर मोदी सरकार दिखाना चाहती है कि वह लोकतंत्र की इज्जत करती है तो उस को पटखनी देने वाली पार्टी की बात चुपचाप मान लेनी चाहिए थी. पर वह लगातार उलझ कर दर्शाना चाहती है कि अरविंद केजरीवाल को राज करना नहीं आता. जैसे एक पंडा सैकड़ों लोगों की शादी ग्रहों के नाम पर रुकवा सकता है वैसे आधुनिक पुराण संविधान का हवाला दे कर नरेंद्र मोदी भारी बहुमत से जीती सरकार को उलटने की तैयारी में हैं.

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