भारत के नेता कितना ही विकासविकास चिल्ला लें और कितनी ही शान बघार लें कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और शायद दुनिया में सब से तेज गति से बढ़ रही है पर असल में आम भारतीय हर देश से पिछड़ रहा है और 2014 के बाद यह फिसलन और ज्यादा हुई है. नारोंढोलोंशंखों के बावजूद यह कम नहीं हुई है.

चीन का आम नागरिक 2014 में वर्ष में 7,636 डौलर कमा रहा थाकजाकिस्तान जैसे पिछड़े से देश का नागरिक 10,000 डौलर कमा रहा थाथाईलैंड का 5,822 डौलर वार्षिक कमा रहा जबकि और भारत का आम नागरिक मात्र 1,560 डौलर. 2014 से 2021 के 7 वर्षों में महान उन्नति के बाद आम भारतीय की औसत आय में वार्षिक प्रगति 650-700 डौलर हुई और अब वह 2,100-2,200 डौलर प्रतिवर्ष कमा रहा है.

इस दौरान चीनी नागरिक को 5,000 डौलर ज्यादाकजाकिस्तान के नागरिक को 314 डौलरथाई के 1,300 डौलर ज्यादा मिलने लगे हैं. एक चीनी और भारतीय नागरिक की आय में 2014 में अंतर 6,076 डौलर का था तो 2021 में यह अंतर हमारे महान नेताओं के बावजूद बढ़ कर 10,000 डौलर हो गया है.

भारत के नेताओं को शान बघारने से पहले सोचना चाहिए कि देश की प्रगति उस के मंदिरों में लगे घंटों से नहीं होगी जिन के बजाने से उबेर का सिंहासन डोल जाएगा. यह मेहनत से होगी. मेहनत की इस देश में कद्र नहीं है जहां सिर पर कलश रखें तो वही मेहनत हैपूजा करें तो वही स्किल है.

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