Congress : क्या कांग्रेस मुक्त भारत का भारतीय जनता पार्टी का सपना पूरा हो सकता है? संभव नहीं है लेकिन ‘एक देश एक चुनाव’ के सहारे भाजपा लंबी योजना पर काम जरूर कर रही है. कांग्रेस और भाजपा में यह खास फर्क है कि कांग्रेसी आज की समस्याओं को दूर करने की सोचते हैं जबकि भाजपाई आज समस्याएं पैदा करते हैं ताकि उस के दलदल में 10-15 साल बाद कमल के फूल खिलें.कांग्रेस ने इंडिया ब्लौक बना कर भारतीय जनता पार्टी को मई-जून 2024 के चुनावों में धीमा तो कर दिया पर बाद में हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव जीत कर भाजपा ने न केवल अपनी खोई जमीन कुछ पा ली, बल्कि उस ने इंडिया गठबंधन को तोड़ भी डाला है.कांग्रेस आज फिर अकेली रह गई है? क्या यह अकेला चना दांत तोड़ सकेगा? क्या भाजपा ऐसी पार्टी है जिसे कंट्रोल में रखना जरूरी है? क्या कांग्रेस भाजपा से किसी भी तरह से बेहतर है? इस तरह के सवालों से मतदाता अगले साल के कुछ विधानसभाओं के चुनावों में रूबरू होंगे.यह सच है कि चुनाव से नेता बदलते हैं, प्रशासन नहीं. सभी पार्टियों की शासन व्यवस्था अब लगभग एक जैसी है. सभी पार्टियां अमीरों को संरक्षण देती हैं, गरीबों को लूटती हैं. सभी पार्टियों का कर ढांचा एक सा है. सभी पार्टियों की पुलिस एक सी ब्लडी है. सभी पार्टियां वादे करती हैं, ऐसे वादे भी जो पूरे नहीं किए जा सकते.फिर कांग्रेस की सरकार या कांग्रेस मुक्त सरकार का फर्क क्या है? फर्क यह है कि कौन सी पार्टी सिर्फ शासन चलाने के लिए आती है और कौन सी शासन के साथ समाज को भी चलाने को आती है.
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