शराब किस तरह दिमाग खराब कर देती है, उस का एक नमूना दिल्ली में मिला, जहां एक आदमी ने मायके गई पत्नी के यहां पहुंच कर लोहे की छड़ से पहले सास को मारा, फिर वहीं रह रहे अपने 2 बच्चों को मारा और उस के बाद बीचबचाव करने आए ससुर को मार डाला और साले को घायल कर दिया. शराब की जरूरत इस कदर पागल कर देती है कि उस आदमी ने अपने पत्नी के मातापिता व अपने ही बच्चों की हत्या कर अपने लिए जीवनभर जेल में जगह का पक्का इंतजाम कर दिया.

ऐसी शराब को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यदि बंद करना चाह रहे हैं, तो गलत क्या है? यह शराब का नशा ही है, जो देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में हजारों को मरवाता है. शराब पी कर होने वाले झगड़ों की गिनती ही नहीं की जा सकती. शराबी पति से मार खाई बीवियों की गिनती तो करोड़ों में होगी. शराब पर रोक लगाना आसान नहीं है, पर हमेशा से राजा, ठाकुर, सरकारें जानती हैं कि शराब पिला कर मोटा कर भी वसूला जा सकता है और बिगड़ैल लोगों को दुश्मन से भिड़ने के लिए भेजा जा सकता है. हर देश की सेना में गोलीबारूद के साथसाथ शराब भी होती थी, ताकि सामने से आती गोलियों से डर न लगे और शराब के नशे में अपनी जान दे डाली जाए. हमारे देश के राजपूत जब लड़ने जाते थे, तो अपने साथ शराब जैसी ही नशीली अफीम ले जाते थे, ताकि शत्रु के वार का दर्द न हो. पर इस से उन में सोचने की ताकत कम हो जाती थी और लड़ाई कैसे जीतनी है, वे भूल जाते थे और अपनों पर ही वार करने लगते थे, जैसे दिल्ली के इस शराबी पति ने अपनी पत्नी के घर वालों और अपने बच्चों पर किया.

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