बाहरी दिल्ली के कंझावला थाने के अंतर्गत निजामपुर गांव का रहने वाला रोहित छिल्लर कबड्डी का राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था. वह सोशल मीडिया का मुरीद था. फेसबुक के द्वारा ही उस की बात ललिता नाम की एक युवती से हुई. ललिता दिल्ली के नांगलोई क्षेत्र में अपने मांबाप के साथ रहती थी और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट थी.

फेसबुक पर ललिता की फोटो देख कर रोहित बहुत प्रभावित हुआ. वह बेहद खूबसूरत थी. उस के दिल में ललिता के प्रति चाहत पैदा हो गई. अब वह उस से और अधिक चैटिंग करने लगा. ललिता को भी रोहित अच्छा लगता था. वह एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था और नेवी में नौकरी करता था. उस से दोस्ती कर के वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थी. चैटिंग के दौरान ही दोनों ने एकदूसरे को अपने फोन नंबर भी दे दिए तो बाद में उन की फोन पर बात होती रहती.

बातचीत के लहजे से ललिता को रोहित समझदार और शरीफ युवक लगा. फलस्वरूप दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती गई और जल्दी ही यह दोस्ती प्यार में बदल गई. अब तो उन की रात की नींद और दिन का चैन गायब हो गया. जब तक वह रोजाना फोन पर बात नहीं कर लेते, उन्हें चैन नहीं आता था. इतना ही नहीं, दोनों ही बालिग थे इसलिए उन्होंने शादी करने का फैसला भी ले लिया. लेकिन वे संभ्रांत परिवार से थे इसलिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते थे जिस से उन के घर वालों की बदनामी हो. यानी अपनी पसंद में वे घरवालों की सहमति की मुहर लगवाना चाहते थे. लिहाजा उन्होंने इस बारे में अपने घर वालों से बात करने की ठान ली.

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