कभी चंबल के बीहड़ों में फूलन देवी, सीमा परिहार जैसी दस्यु सुंदरियों सहित कुछ गिनती की महिलाएं ही अपराध की राह पर कदम रखने वालों में थीं. लेकिन कुछ सालों का आंकड़ा देखा जाए तो यह साफ होता है कि आपराधिक क्षेत्र में महिलाओं की शिरकत बढ़ी है. अपराध करने के मामले में चाहे वह किसी माफिया गिरोह की बात हो या खुले तौर पर हफ्तावसूली, पौकेटमारी आदि करने का मामला हो, किसी न किसी महिला का नाम हर क्षेत्र में है.

आज के इस आधुनिक दौर में महिलाएं अपराध की दुनिया में भी मर्दों का मुकाबला कर रही हैं. इन औरतों ने इंटरपोल को भी परेशान कर के रख दिया है. भारत की अनेक महिला डौन को पकड़ने के लिए इंटरपोल ने दुनियाभर में नोटिस जारी किए हुए हैं. इन महिलाओं के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी व अपहरण के मामले दर्ज हैं.

माफिया डौन दाऊद इब्राहिम के भारत से विदेश भागने के बाद कुछ साल तक तो उस ने यहां के आपराधिक कारोबार पर खुद ही नियंत्रण रखा था लेकिन मुंबई बम धमाकों में प्रमुख अभियुक्त होने के चलते उस पर पुलिस की चौकस निगाह होने और प्रतिद्वंद्वी गिरोहों से बढ़ती तनातनी के कारण उस ने अपने गैंग की यहां की गतिविधियों पर अपना नियंत्रण रखना छोड़ दिया. तभी से मुंबई समेत आसपास के माफिया कारोबार की कमान उस की बहन हसीना पारकर संभाल रही है. यह अलग बात है कि पुलिस को यह सब पता होते हुए भी उस के पास इस बाबत कोई पुख्ता सुबूत नहीं है. इसी कारण से वह हसीना के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा पा रही.

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