भाग 1
बात 7 जून, 2019 की है. उस समय सुबह के यही कोई 4 बजे थे. सैलानियों के लिए स्वर्ग कहे जाने वाले गोवा राज्य के मडगांव की रहने वाली जूलिया फर्नांडीस अपने साथ 4-5 रिश्तेदारों को ले कर कुडतरी पुलिस थाने पहुंची. वह किसी अनहोनी की आशंका से घबराई हुई थी.
थाने में मौजूद ड्यूटी अफसर ने जूलिया से थाने में आने की वजह पूछी तो उस ने अपना परिचय देने के बाद कहा कि उस की बहन वेलेंसिया फर्नांडीस कल से गायब है, उस का कहीं पता नहीं लग रहा है.
‘‘उस की उम्र क्या थी और कैसे गायब हुई?’’ ड्यूटी अफसर ने पूछा.
‘‘वेलेंसिया की उम्र यही कोई 30 साल थी. रोजाना की तरह वह कल सुबह 8 बजे अपनी ड्यूटी पर गई थी. वह मडगांव के एक जानेमाने मैडिकल स्टोर पर नौकरी करती थी. अपनी ड्यूटी पर जाते समय वेलेंसिया काफी खुश थी. क्योंकि आज से 10 दिनों बाद उस का जन्मदिन आने वाला था, उन का परिवार उस के जन्मदिन की पार्टी धूमधाम से मनाता था.
‘‘घर से निकलते समय वह कह कर गई थी कि आज उसे घर लौटने में देर हो जाएगी. फिर भी वह 9 बजे तक घर पहुंच जाएगी. उस का कहना था कि ड्यूटी के बाद वह मौल जा कर जन्मदिन की पार्टी की कुछ शौपिंग करेगी.
‘‘मगर ऐसा नहीं हुआ. रात 9 बजे के बाद भी जब वेलेंसिया नहीं आई तो घर वालों की चिंता बढ़ गई. उस के मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो उस का फोन नहीं मिला. इस के बाद सारे नातेरिश्तेदारों और उस की सभी सहेलियों को फोन कर के उस के बारे में पूछा गया. लेकिन कहीं से भी उस के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.’’ जूलिया फर्नांडीस ने बताया.
जूलिया फर्नांडीस और उन के साथ आए रिश्तेदारों की सारी बातें सुन कर ड्यूटी अफसर ने वेलेंसिया फर्नांडीस की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कर इस की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथसाथ पुलिस कंट्रोल रूम को भी दे दी. इस के बाद उन्होंने वेलेंसिया का फोटो लेने के बाद आश्वासन दिया कि पुलिस वेलेंसिया को खोजने की पूरी कोशिश करेगी.
वेलेंसिया की गुमशुदगी की शिकायत को अभी 4 घंटे भी नहीं हुए थे कि वेलेंसिया के परिवार वालों को उस के बारे में जो खबर मिली, उसे सुन कर पूरा परिवार हिल गया.
दरअसल, सुबहसुबह वायना के कुडतरी पुलिस थाने से लगभग 7 किलोमीटर दूर रीवन गांव के जंगल में कुछ लोगों ने सफेद रंग की चादर में एक लाश देखी तो उन में से एक शख्स ने इस की जानकारी गोवा पुलिस के कंट्रोलरूम को दे दी. पुलिस कंट्रोलरूम ने वायरलैस द्वारा यह सूचना शहर के सभी पुलिस थानों में प्रसारित कर दी.
जिस जंगल में लाश मिलने की सूचना मिली थी, वह इलाका मडगांव केपे पुलिस थाने के अंतर्गत आता था, सूचना मिलते ही केपे थाने की पुलिस लगभग 10 मिनट में मौके पर पहुंच गई. पुलिस को वहां काफी लोग खड़े मिले.
ये भी पढ़ें- रसीली नहीं थी रशल कंवर: भाग 2
इस बीच जंगल में लाश मिलने की खबर आसपास के गांवों तक पहुंच गई थी. देखते ही देखते वहां काफी लोगों की भीड़ एकत्र हो गई. पुलिस ने मुआयना किया तो सफेद रंग की चादर में बंधे शव के थोड़े से पैर दिखाई दे रहे थे, जिस से लग रहा था कि शव किसी महिला का हो सकता है. जब पुलिस ने चादर खोली तो वास्तव में शव युवती का ही निकला.
मृतका के हाथपैर एक नायलौन की रस्सी से बंधे थे और गले में उस का दुपट्टा लिपटा हुआ था. लेकिन हत्यारे ने उस का चेहरा इतनी बुरी तरह से विकृत कर दिया था कि उसे पहचानना आसान नहीं था. हत्यारे ने यह शायद इसलिए किया होगा ताकि उस की शिनाख्त न हो सके.
फिर भी पुलिस को अपनी काररवाई तो करनी ही थी. सब से पहले मृतका की शिनाख्त जरूरी थी, लिहाजा पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से मृतका के बारे में पूछा, लेकिन कोई भी उसे पहचान नहीं सका. मृतका के कपड़ों की तलाशी लेने के बाद कोई ऐसी चीज नहीं मिली, जिस से उस की शिनाख्त हो सके.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मामले की सूचना देने के बाद केपे पुलिस ने मौके पर फोरैंसिक टीम और डौग स्क्वायड टीम को भी बुला लिया. खोजी कुत्ते से पुलिस को एक साक्ष्य मिल गया. शव सूंघने के बाद वह वहां से कुछ दूर झाडि़यों में पहुंच कर भौंकने लगा. पुलिस ने वहां खोजबीन की तो एक मोबाइल फोन मिला. जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया.
केपे थाना पुलिस घटनास्थल का निरीक्षण कर ही रही थी कि दक्षिणी गोवा के एसपी अरविंद गावस अपने सहायकों के साथ घटनास्थल पर आ गए. उन्होंने शव और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और केपे थाने के थानाप्रभारी को आवश्यक दिशानिर्देश दे कर लौट गए.
इस के बाद थानाप्रभारी ने जरूरी काररवाई कर युवती की लाश पोस्टमार्टम के लिए गोवा के जिला अस्पताल भेज दी.
थाने लौट कर थानाप्रभारी ने मृतका की शिनाख्त पर जोर दिया. क्योंकि बिना शिनाख्त के मामले की तफ्तीश आगे बढ़ना संभव नहीं थी. इस के लिए थानाप्रभारी ने गोवा शहर और जिलों के सभी पुलिस थानों में मृतका का फोटो भेज कर यह पता लगाने की कोशिश की कि कहीं किसी पुलिस थाने में उस की गुमशुदगी तो नहीं दर्ज है.
कुडतरी थाने में जब लाश की फोटो हुलिए के साथ पहुंची तो वहां के थानाप्रभारी को एक दिन पहले अपने थाने में दर्ज वेलेंसिया फर्नांडीस की गुमशुदगी की सूचना याद आ गई. बरामद लाश का हुलिया वेलेंसिया के हुलिए से मिलताजुलता था. कुडतरी थानाप्रभारी ने उसी समय केपे के थानाप्रभारी को फोन कर इस बारे में बात की.
इस के बाद उन्होंने तुरंत वेलेंसिया के परिवार वालों को थाने बुला कर उन्हें लाश की शिनाख्त करने के लिए केपे थाने भेज दिया. केपे थानाप्रभारी ने जिला अस्पताल की मोर्चरी ले जा कर युवती की लाश वेलेंसिया के घर वालों को दिखाई. चेहरे से तो नहीं, लेकिन कपड़ों और चप्पलों को देखते ही घर वाले फूटफूट कर रोने लगे. उन्होंने लाश की शिनाख्त वेलेंसिया फर्नांडीस के रूप में की.
थानाप्रभारी ने उन्हें सांत्वना दे कर शांत कराया. इस के बाद उन से पूछताछ की. लाश की शिनाख्त हो जाने के बाद उन्होंने केस की जांच शुरू कर दी. घटनास्थल पर बंद हालत में मिले मोबाइल की सिम निकाल कर उन्होंने दूसरे फोन में डाली और मोबाइल की काल हिस्ट्री खंगालने लगे. इस जांच में एक नंबर संदिग्ध लगा.
वह नंबर शैलेश वलीप के नाम पर लिया गया था. शैलेश वलीप ने 7 जून, 2019 को ही वेलेंसिया से बातें की थीं. पुलिस टीम जब शैलेश वलीप के घर पहुंची तो वह घर पर नहीं मिला. घर पर मिली उस की बहन भी उस के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकी. पुलिस ने जब उस की बहन से बात की तो वेलेंसिया और शैलेश वलीप के संबंधों की पुष्टि हो गई.
पुलिस को पक्का यकीन हो गया कि वेलेंसिया की हत्या में जरूर शैलेश का हाथ रहा होगा. इसलिए उस की तलाश सरगरमी से शुरू हो गई. थानाप्रभारी ने अपने मुखबिरों को भी अलर्ट कर दिया.
एक मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने शैलेश को गोवा के अमोल कैफे में दबोच लिया. पुलिस टीम ने जिस समय उसे गिरफ्तार किया, उस समय वह शराब के नशे में धुत था.
जब नशा उतर जाने के बाद थाने में उस से पूछताछ की गई तो पहले तो वह पुलिस अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश करते हुए वेलेंसिया हत्याकांड से खुद को अनभिज्ञ और बेगुनाह बताता रहा. लेकिन जब उस से सख्ती से पूछताछ की गई तो उस ने अपना गुनाह स्वीकार करते हुए हत्याकांड में शामिल रहे अपने सहयोगी देवीदास गावकर का भी नाम बता दिया. शैलेश वलीप की निशानदेही पर पुलिस टीम ने देवीदास गांवकर को भी गिरफ्तार कर लिया.
इन दोनों से पूछताछ करने के बाद वेलेंसिया फर्नांडीस की हत्या की जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार थी—
30 वर्षीया वेलेंसिया फर्नांडीस दक्षिणी गोवा के मडगांव के थाना कुडतरी गांव मायना की रहने वाली थी. वह अपनी चारों बहनों में तीसरे नंबर की थी. उस के पिता जोसेफ फर्नांडीस एक सीधेसादे और सरल स्वभाव के थे. वह अपनी बेटियों में कोई भेदभाव नहीं रखते थे.
ये भी पढ़ें- पत्नी के जाल में हलाल हुआ पति: भाग 2
वेलेंसिया फर्नांडीस की दोनों बड़ी बहनों की शादी हो चुकी थी. वे अपने परिवार के साथ अपनी ससुराल में खुश थीं. वेलेंसिया अपनी छोटी बहन जूलिया फर्नांडीस के साथ रहती थी. उस की सारी जिम्मेदारी वेलेंसिया पर थी. वेलेंसिया ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जब नौकरी की कोशिश की तो उसे बिना किसी परेशानी के गोवा मडगांव के एक जानेमाने बड़े मैडिकल शौप में सेल्सगर्ल की नौकरी मिल गई.
वेलेंसिया देखने में जितनी सुंदर थी, उतनी ही वह महत्त्वाकांक्षी भी थी. जिस मैडिकल शौप में वह काम करती थी, वहां रीमा वलीप नाम की लड़की भी काम करती थी. वह वेलेंसिया की अच्छी दोस्त बन गई थी.
क्रमश:
—कथा के कुछ नाम काल्पनिक हैं