मछलियां कर रहीं थी मगरमच्छों का शिकार
यह देह व्यापार और ब्लैकमेलिंग का वैसा और कोई छोटा मोटा मामला नहीं है जिसमें लोगों को पता चल जाये कि पकड़े गए लोगों के नाम, बल्दियत और मुकाम क्या हैं बल्कि हैरतअंगेज बात इस हाइ प्रोफाइल मामले की यह है कि इसमें उन औरतों के नाम और पहचान उजागर हो जाना है, जो अपने हुस्न के जाल में मध्यप्रदेश के कई नेताओं और आईएएस अफसरों को फंसाकर करोड़ों रुपए कमा चुकी हैं .
खूबसूरत, स्टायालिश, सेक्सी और जवान औरत किसी भी मर्द की कमजोरी होती है लेकिन जब वे मर्द अहम ओहदों पर बैठे हो तो बात चिंता की हो जाती है. क्योंकि इनकी न केवल समाज में इज्जत और रसूख होता है बल्कि ये वे लोग हैं जो सरकार की नीतियां रीतियां बनाते हैं . करोड़ों का लेनदेन इनके कहने पर होता है. सूट बूट में चमकते दमकते दिखते रहने वाले इन खास लोगों में बस एक बात आम लोगों जैसी होती है. वह है जवान औरत का चिकना शरीर देखते ही उस पर बिना सोचे समझे फिसल जाना.
फिसल तो गए लेकिन अब इनका गला सूख रहा है, नींद उड़ी हुई है और हलक के नीचे निवाला भी नहीं उतर रहा. वजह यह डर है कि खुदा न खासता अगर नाम और रंगरेलियां मनाते वीडियो उजागर और वायरल हो गए तो कहीं मुंह दिखाने काबिल नहीं रह जाएंगे. जांच एजेंसियां यह भी पूछेंगी कि इन बालाओं पर लुटाने ढेर सी रकम आई कहां से थी और ब्लैकमेलिंग से बचने इन्हें कैसे कैसे उपकृत किया गया. यानी ब्लैकमेलिंग की रकम का बड़ा हिस्सा एक तरह से सरकार दे रही थी .