सौजन्य- सत्यकथा 

उत्तर प्रदेश के शहर बरेली का एक थाना है बिशारतगंज. इस्माइलपुर गांव इसी थाना क्षेत्र में आता है.
गुड्डू अपने परिवार के साथ इसी गांव में रहता था. उस के परिवार में पत्नी के अलावा बेटी बेबी और एक बेटा प्रकाश था. बेटी बीए फाइनल में पढ़ रही थी. गुड्डू खेतीकिसानी करता था. इसी से उस के परिवार की गुजरबसर होती थी.बेबी के घर के पास गांव के 22 वर्षीय अमित गुप्ता की किराने की दुकान थी. बेबी घर का खानेपीने का सामान अमित की दुकान से लाती थी. इसी आनेजाने में वह मन ही मन अमित को पसंद करने लगी थी. लेकिन उस ने अपने मन की बात अमित पर जाहिर नहीं होने दी थी.

अमित के पिता रामकुमार का कई साल पहले निधन हो गया था, मां अभी थी. भाईबहनों से उस का परिवार भरा पूरा था. अमित का पढ़ाई में मन नहीं लगा तो उस ने परचून की दुकान खोल ली थी.
एक दिन बेबी जब अमित की दुकान पर पहुंची, तो वहां उस के अलावा कोई ग्राहक नहीं था. सौदा लेने के बाद चलते समय उस ने अमित से कहा, ‘‘तुम बहुत सुंदर हो.’’ अकसर ऐसी प्यार भरी बातें चाहने वाले लड़के अपनी प्रेमिका से कहते हैं. जबकि यहां यह बात एक युवती कह रही थी. सुन कर अमित के शरीर में सिहरन सी दौड़ गई. उस ने भी मुसकरा कर कह दिया, ‘‘अच्छा...’’ और बेबी शरमा कर वहां से चली गई.
दुकान पर आतेजाते उसे अमित अच्छा लगने लगा था. काफी दिनों तक तो उस ने अपने दिल पर काबू रखा था. लेकिन उस दिन उस ने हिम्मत कर के अमित से सुंदर लगने वाली बात कह ही दी थी.

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