रोशनी रावत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 25 किलोमीटर दूर गोसाईगंज के चांद सराय गांव की रहने वाली लडकी थी. वह पढी लिखी थी. दलित बिरादरी में अभी भी कम उम्र में ही शादी का चलन है. ऐसे में बालिग होने की खानापूर्ति होते ही 19 साल की उम्र में उसकी शादी अपनी ही बिरादरी के शिवम रावत से तय हो गई. शिवम भी गोसाईगंज इलाके के ही चमरतलिया गांव का रहने वाला था. शादी तय होने के बाद शिवम और रोशनी आपस में फोन पर बातें करने लगे थे. धीरेधीरे दोनो की दोस्तो से बातें होनी शुरू हुई. यही पर किसी ने शिवम को यह कह दिया कि रोशनी के गांव में रहने वाले किसी लडके से सबंध है.

दुनियां भले ही चांद सितारे पर पंहुच जाये पर उसकी सोच और समझ में कोई फर्क नहीं पडता. ऐसे में शिवम को भी यकीन हो चला कि रोशनी के साथ ऐसा हो सकता है. शिवम ने यह भी नहीं सोंचा कि जो आदमी उसे भडका रहा है या उसे बता रहा है उसकी अपनी मंशा क्या होगी ? गांव में अभी भी कई लोग इस मानसिकता के होते है कि वह बनते रिश्ते बिगाडने की कोशिश में रहते है. जब शिवम ने रोशनी को यह बात बताई और रिश्ते के तोडने वाली बात कही तो रोशनी डर गई. उसकी आंखों के सामने अपने ही नहीं अपने पिता घर परिवार के टूटते सपने और दुखी निराश चेहरे एक ही पल में घूम गये. वह समझ रही थी कि केवल उसका रिश्ता ही नहीं टूट रहा. उसकी हिम्मत और घर परिवार का नाम और इज्जत भी टूट कर मिटटी में मिलने वाली है.

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रिश्ता किसी भी तरह से टूटे गलती लडकी की होती है. दूसरी तरफ शिवम था. जो किसी भी हालत में यह सोचने को तैयार नहीं था कि उसकी होने वाली पत्नी के चरित्र पर कोई भी उंगली उठ सके. रोशनी ने उसको समझाते हुये यह भी कहा था कि अगर हमारी शादी हो जाती और उसके बाद कोई ऐसा आरोप लगाता तो भी क्या तुम हमको छोड देते ? शिवम ने ऐसा कोई जवाब नहीं दिया जिससे रोशनी की आंखो में उम्मीद की लौ जगती. शादी के पहले आरोप लगी लडकी के साथ शादी करना शिवम के लिये आंख मूंद कर दूध में पडी मक्खी वाला दूध पीने जैसा ही था. इसके लिये वह राजी नहीं था. ऐसे में शिवम और रोशनी का रिश्ता शादी पहले ही दोराहे पर खडा हो चुका था.

इसी बीच अचानक 4 मई 2020 को रोशनी अपने घर से गायब हो गई. उसके पिता बंशीलाल ने सबसे पहले उसका हर जगह तलाश किया. किसी भी तरह से जब रोशनी की सूचना उनको नहीं मिली तो वह गोसाईगंज थाने गये और इंसपेक्टर धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा से मिले उनको अपनी बेटी के गायब होने की जानकारी दी. पुलिस ने अपने हिसाब से तलाश करती रहीं और बंशीलाल और बाकी परिवार अपने हिसाब से रोशनी को तलाश रहे थे. रोशनी को कुछ पता नहीं चल रहा था. रोशनी के साथ ही उसका मोबाइल और कपडे भी गायब थे. तमाम लोग यही सोंच रहे थे कि रोशनी घर छोड कर भाग गई. पर इस बात का भी किसी के पास कोई प्रमाण नहीं मौजूद था. एक एक कर के दिन गुजर रहे थे पर रोशनी का पता नहीं चल रहा था.

रोशनी की गुमशुदगी के 6 दिन बाद गोसाईगंज की पुलिस को सूचना मिली कि चमरतलिया कं जंगल मंे किसी लडकी की लाश मिली है तो पूरी तरह से कंकाल हो चुकी है. पुलिस ने अपने इलाके की गायब लडकियों के बारे में पता कर उसको देखना चाहा तो रोशनी की गुमशुदगी का मामला भी पता चला. गोसाईगंज पुलिस ने रोशनी के पिता बंशीलाल को भी बुलाया और लाश को देखने के लिये कहा. लाश को देखने के बाद कपडो और बाकी शरीर को देखकर बंशीलाल को लगा कि यह उनकी बेटी रोशनी ही है.

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रोशनी की मौत का राज खोलना अब गोसाईगंज पुलिस के लिये चुनौती बन चुका था. रोशनी के गायब होने से लेकर उसकी हत्या तक के बीच एक भी सुराग पुलिस को नहीं मिल रहा था. पूरी तरह से ब्लाइंड मर्डर था. पुलिस जो भी कडी मिला रही थी वह अंजाम तक नहीं पहंुच रही थी. मोहनलालगंज सर्किल के पुलिस औफिसर संजीव मोहन ने इंसपेक्टर गोसांईगंज धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा को इस मामले के जल्द ही जल्द खुलासे का आदेश दिया. इंसपेक्टर गोसांईगंज धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा बहुत तेज तर्रार अधिकारी की तरह मामले को सुलझाने मे पूरी टीम के साथ लग गये. सबसे पहले पुलिस ने रोशनी के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया. एक सप्ताह के बाद 16 मई को उस मोबाइल पर चमरतलिया गांव के शिवम का नम्बर उस मोबाइल पर एक्टिव दिखाने लगा. पुलिस को इस बात का पक्का सूबत मिल गया कि रोशनी को मोबाइल शिवम के पास है. पुलिस की विवेचना मंे रोशनी से शादी के रिश्ते का भी खुलासा हो गया.

अब पुलिस को पक्का यकीन हो गया कि रोशनी के बारे में शिवम को जानकारी होगी. पुलिस ने शिवम को पकडा तो शिवम के पास से रोशनी के कपडे भी मिले. शिवम ने बताया कि जब रोशनी से उसकी शादी तय हो चुकी थी. वह आपस में बात करने और मिलने जुलने लगे थे. इसी बीच पता चला कि रोशनी के संबंध किसी और से भी है. इस बात को जानकर मैने शादी करने से मना किया. तो रोशनी शादी के लिये जिद करने लगी. ज बवह किसी तरह से मानने को तैयार नहीं हुई उल्टा हमको फंसाने की धमकी देने लगी तो उसको मार दिया. लाश को जंगल में छिपाने के बाद मोबाइल और कपडे लेकर अपने घर चला आया.

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पुलिस ने शिवम के पास से रोशनी का फोन, कपडे, और घटना में प्रयोग की गई बाइक को बरामद कर लिया. शिवम ने रोशनी के फोन से उसका सिम निकाल कर तालाब में फेंक दिया. मोबाइल लेकर घर चला आया. कुछ दिन बाद जैसे ही उसने रोशनी के मोबाइल में अपना सिम कार्ड डाला पुलिस को सूचना मिल गई और उसने शिवम को धर दबोचा. पुलिस ने शिवम को रोशनी की हत्या और उसके शव को छिपाने के आरोप मे जेल भेज दिया.

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