सौजन्य- सत्यकथा

जब कोई औरत अनैतिकता की राह पर दौड़ लगाने लगती है तब उस की आंखों में न तो परिवार और समाज की मानमर्यादा की शर्म रहती है और न ही जेहन में कायदेकानून का डर. पान मसाला सप्लाई का काम करने वाला नवीन शर्मा 23 जुलाई, 2021 की सुबह 7 बजे ही काम पर निकला था. लेकिन वह अगले रोज 10 बजे तक घर नहीं लौटा था. पिता प्रदीप शर्मा बीती रात से उसे फोन मिलामिला कर परेशान थे. वह बारबार उसे काल कर रहे थे, लेकिन उस का फोन बंद आ रहा था.

वह बेहद चिंतित हो गए थे कि उन का 30 वर्षीय बेटा नवीन आखिर अभी तक लौटा क्यों नहीं. उन्होंने पत्नी गीता शर्मा के साथ पूरी रात बेटे की एक सूचना के इंतजार में चहलकदमी करते हुए गुजारी. नवीन अकसर अपने कहे अनुसार समय से वापस घर लौट आ जाता था.

भारी मन से प्रदीप शर्मा अपने एक पड़ोसी की सलाह पर कानपुर के कोहना थाने पहुंचे. बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. थानाप्रभारी वी.के. सिंह को उन्होंने बताया कि वह कानपुर के भैरव घाट मोहल्ले के निवासी हैं. उन का जवान बेटा नवीन शर्मा कल दिन से ही नहीं आया है. उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका भी जताई और उसे तलाश की मांग की.

थानाप्रभारी सिंह ने प्रदीप शर्मा की बात गौर से सुनी, फिर गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कर ली और उन्हें जल्द ढूंढ निकालने का आश्वासन दिया. इस के बाद प्रदीप शर्मा वापस घर लौट आए, लेकिन चुप नहीं बैठे. अपने बड़े बेटे अर्पित, अंकुर और कुछ पड़ोसियों को साथ ले कर नवीन की खोज में निकल पड़े.

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