तरुण ने खोला भेद

पूछताछ के दौरान तरुण ने बहुत चौंका देने वाला खुलासा कर के पुलिस को हैरत में डाल दिया. तरुण ने सब इंसपेक्टर परमदीप सिंह को बताया कि कुलदीप की हत्या खुद सुदीक्षा ने ढाई लाख रुपए दे कर करवाई थी.

पुलिस कमिश्नर लुधियाना व अन्य पुलिस उच्चाधिकारियों के समक्ष दिए गए तरुण के इस बयान के बाद कुलदीप की हत्या के अपराध में गीता और सुदीक्षा को गिरफ्तार कर लिया गया.

उसी दिन सुदीक्षा, उस के प्रेमी तरुण और मां गीता को कुलदीप की हत्या के इलजाम में अदालत में पेश कर के आगामी पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर ले लिया गया.

तरुण और सुदीक्षा की निशानदेही पर पुलिस ने उस का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया, जो उस ने छत पर छिपा रखा था. साथ ही उस की वह चुन्नी और खून से सना तौलिया भी मिल गया, जो वारदात में इस्तेमाल हुआ था.

तरुण और सुदीक्षा ने इस हत्याकांड में लिप्त 4 और लोगों के नाम भी बताए. हैबोवाल थानाप्रभारी परमदीप सिंह ने इन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम बनाई. जिस में हंबड़ां चौकी प्रभारी एएसआई मनजीत सिंह सिंघम, कांस्टेबल प्रगट सिंह, जतिंदर सिंह व जीतू कुमार को शामिल किया गया.

इस टीम ने 25 जुलाई को बड़े नाटकीय ढंग से सागर गैंग के सरगना एवं कौंट्रैक्ट किलर सागर उर्फ न्यूट्रन को, उस के 3 साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया, जबकि इस मामले का 8वां आरोपी जसकरन अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर था.

पकडे़ गए आरोपियों की पहचान फील्डगंज के प्रेमनगर निवासी सागर ब्राह्मणिया. खुडु मोहल्ले के दीपक धालीवाल उर्फ दीपा व सीएमसी के निकट रहने वाले विशाल जैकप के रूप में हुई. पकड़े गए आरोपी 18 से 21 साल के बीच के थे जो कि 10वीं तक ही पढ़े थे. ये सभी आपस में दोस्त थे, सागर, विशाल और दीपक को राजपुरा रोड से काबू किया गया, जबकि न्यूट्रन को ढोलेवाल चौक से पकड़ा गया. पूछताछ में इन सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

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