सौजन्य: मनोहर कहानियां
2 बच्चों के पिता होने के बावजूद सुलभ मलहोत्रा को अपनी दुकान की सेल्सगर्ल किरण गुप्ता से प्यार हो गया. सुलभ की पत्नी अंजना को जब इस की जानकारी हुई तो उस ने पति को समझाया. सुलभ ने पत्नी की बात मान भी ली लेकिन इस दौरान ऐसा क्या हुआ कि अंजना को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा?
रात के 8 बज रहे थे. उस समय अंजना कानपुर के मोहल्ला कौशलपुरी स्थित अपने मकान के बरामदे में बैठी अपने
पति सुलभ मलहोत्रा के आने का इंतजार कर रही थी. सुलभ मलहोत्रा क्राकरी कारोबारी थे. गुमटी नंबर 5 के मेन मार्केट में उन की दुकान थी. रात 8 बजे दुकान बंद हो जाती थी. दुकान से घर आने में 20 मिनट का ही समय लगता था.
लेकिन इधर काफी दिनों से वह कभी समय पर घर नहीं लौट रहे थे. कभी रात के 10 बजे तो कभी 11 बजे और कभीकभी तो 12 बजा देते. जब भी घर लौटते, बहाने बना देते. कभी कहते दुकान में काम ज्यादा था तो कभी कहते कि तकादे के लिए निकल गया था. अंजना उस के इन बहानों पर विश्वास कर लेती थी.
लेकिन विश्वास की भी एक सीमा होती है. यह सीमा पार हो जाए तो आशंकाएं सिर उठाने लगती हैं. कुछ दिनों पहले अंजना ने इन बातों पर गौर करना शुरू किया तो उसे दाल में कुछ काला लगा था. फिर एक दिन उसे उड़तीउड़ती सी खबर मिली थी कि उस के पति सुलभ और किरण के बीच प्रेम का चक्कर चल रहा है.
25 वर्षीया किरण गुप्ता उस के पति सुलभ की क्राकरी दुकान पर काम करती थी, लेकिन यही किरण अब आस्तीन का सांप बन कर उसे डस रही थी. उस का मन हुआ कि किरण को बुला कर डांटेफटकारे और चेतावनी दे कि जिस रास्ते पर वह चल रही है, उस के हक में वह ठीक नहीं है.