ऐसा लगता था कि वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को पहले से ही घर की पूरी स्थिति का पता था कि सुबहसुबह घर पर कौनकौन रहता है. मृतका रानी की बेटी रिया 10वीं कक्षा की तथा ईशू 8वीं कक्षा के छात्र थे. गुरुवार को दोनों सुबहसुबह स्कूल चले गए थे. वहीं डा. दीपक गुप्ता का बड़ा बेटा 6 वर्षीय दर्श गुप्ता जो पहली कक्षा में पढ़ता था, वह भी स्कूल गया हुआ था.

सुबह 9 बजे डा. दीपक गुप्ता रामनगर स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर थे, जबकि रानी गुप्ता के पति अमित गुप्ता दोनों बच्चों का लंच बौक्स देने के लिए साढ़े 9 बजे उन के स्कूल चले गए थे. वहां से वह अपनी पैथोलौजी लैब पर चले गए.

डा. दीपक गुप्ता की पत्नी दीप्ति अपनी ड्यूटी पर फतेहाबाद स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर चली गई थीं. घटना के समय घर पर रानी, उस की सास शिवदेवी और डा. दीपक गुप्ता का 2 वर्षीय छोटा बेटा दिवित ही थे.

पूछताछ के दौरान घर वालों ने पुलिस को बताया कि घर के बाहर वाले कमरे में ब्यूटीपार्लर खोलने के लिए फरनीचर बनवाया था. फरनीचर दीपा नाम के कारपेंटर ने बनाया था. वह पिछले 2 महीने से फरनीचर बनाने का काम कर रहा था. वह घर के सभी सदस्यों से परिचित था. इस पर पुलिस का शक कारपेंटर पर गया.

पुलिस ने जांच की काररवाई में घटनास्थल के आसपास के 3 घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले. 2 फुटेज में संदिग्ध व्यक्ति रिकौर्ड हुआ था.

एक फुटेज में एक व्यक्ति सुबह 10 बज कर 37 मिनट पर डा. गुप्ता के घर के मुख्य गेट से अंदर जाता दिखा दे रहा था. वही व्यक्ति 10.55 बजे मकान के बाहरी कमरे, जिस में ब्यूटीपार्लर बनना था, के गेट से बाहर निकलता दिखाई दिया. बाहरी गेट की कुंडी पर खून भी लगा मिला था.

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