8 जनवरी को पटना के फ्रेजर रोड, रूपसपुर, बोरिंग रोड, मंदिरी आदि कई रिहायशी इलाकों में ताबड़तोड़ छापा मारा गया और एक लड़की समेत 2 दलालों को दबोच लिया. डाक बंगला चैराहे के आरपी टावर के तीसरे माले पर बने गेस्ट हाउस में बड़े पैमाने पर शराब की बोतलें, सेक्स ताकत को बढ़ाने वाली दवाएं, कंडोम आदि बरामद किए गए.

पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग इंटरनेशनल लेवल पर सेक्स का धंधा चला रहे हैं और इसके मुख्य सरगना की तलाश की जा रही है. होटलों, रेस्ट हाउस, मसाज पार्लर में जब पुलिस ने सेक्स के धंधे को बंद करवाया, तो अब रिहायशी इलाकों में यह धंधा फलने-फूलने लगा है. रिहायशी इलाकों के लोगों को किसी घर में लड़कियों और मर्दो की आवाजाही बढ़ती दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस को खबर करनी चाहिए.

पिछले साल ही पटना के कंकड़बाग मुहल्ले के इंदिरा नगर इलाके में एक किराए के मकान में जिस्म का धंधा चलाए जाने का खुलासा हुआ. उस मकान में आने-जाने वाले लोगों को तांता देख आस-पास के लोगों को शक हुआ और पुलिस को खबर किया गया. जब पुलिस ने छापा मारा तो वह 15 से 17 साल की लड़कियों के साथ कई मर्दो को पकड़ा गया.पुलिस को देखते ही लड़किया रोने लगी और बताया कि उनसे जर्बदस्ती गंदा काम कराया जा रहा है.

मकान की किरायदार महिला ने उन्हें नौकरी देने के लिए घर पर बुलाया था. वे लोग जब घर पर पहुंची तो कुछ लोगों नेउनके साथ गंदी हरकतें शुरू कर दी, जब हल्ला मचाने लगी तो महिला ने कहा कि उनकी फोटो खींच ली गई है. हल्ला मचाओगी तो सभी के मां-बाप को फोटो भेज दिया जाएगा. उस दिन से सभी को कैदी बनाकर घर में रखा गया है और रोज नए-नए लोग आकर उनकी इज्जत से खेलते हैं.

पिछले कुछ महीनों के दौरान शहर के कई रिहायशी इलाको में कई जिस्मों के धंधे का भंडाफोड़ हुआ है. राजा-बाजार के चैरसियालौज में 3 लड़कियां और 3 मर्द गिरफ्तार किए गए. प्रफेजर रोड के रेस्टोरेंट में 4 युवती एवं 12 युवक दबोचे गए. एसके पुरी कौलनी के मौंटेसरी लेन के एक मकान में 3 लड़कियां और 3 युवक को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा. पश्चिमी बोरिंग कैनाल रोड में एक औरत और 3 लड़के धरे गए. पटेल नगर मुहल्ले के एक मकान से 2 युवतियां और 2 मर्द पुलिस के हत्थे चढ़े. इन सभी पर मासूम लड़कियों को जबरन जिस्म के धंधे में धकेलने का आरोप लगाया था. पत्रकार नगर, आशियाना नगर, रूपसपुर आदि रिहायशी इलाकों के प्राइवेट मकानों में भी सेक्स रेकैट का भंडाफोड़ हो चुका है.

पुलिस अफसर मानते हैं कि पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए जिस्म के धंधेबाजों ने रिहायशी इलाकों को अपना सेफ जोन बना लिया है और बेरोक-टोक देह का धंधा चला रहे हैं. पिछले साल 12 जून को एसके पुरी कौलनी के फ्रेंडस अपार्टमेंट में छापा मार कर 3 लड़कियोंऔर 3 युवकों को गिरफ्तार किया तो अपार्टमेंट में रहने वाले बाकी लोग भी हक्के-बक्के रह गए. उन लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी कि उनके अपार्टमेंट में ही पिछले एक साल से चकलाघर चल रहा है. अपार्टमेंट में रहने वाले एक सरकारी अफसर बताते हैं कि धंधेबाज इतनी चालाकी और सफाई से धंधा चला रहे थे कि किसी को शक तक नहींहो पाया.

अशोक कुमार झा और उसकी बीबी प्रभा झा अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट लेकर देह का धंधा चला रहे थे. दोनों 3 लड़कियों को जबरन फ्लैट में रख कर उनसे जिस्म बेचने का कारोबार चला रहे थे. प्रभा झा तो पुलिस के हत्थे चढ़ गई पर अशोक अब भी रफरार है. इसी तरह पश्चिमी बोरिंग कैनाल रोड के माध्व विहार अपार्टमेंट से भी एक औरत और 3 लड़कों को दबोचा पर सरगना प्रशांत भारती भागने में कामयाब हो गया. भाड़े पर घर लेकर भारती पिछले 2 महीने से सेक्स का धंधा चला रहा था और आसपास के फ्लैटों को पता नहीं चल सका. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधर पर छापा मार कर सेक्स रैकेट का भंडापफोड़ किया.

शहर के रिहायशी और पौश इलाकों में तेजी से फैलते देह के धंधे के बारे में समाज विज्ञानी हेमंत राव कहते हैं कि तरक्की और लोगों की माली हालत में सुधर होने के साथ चारित्रिक गिरावट का नतीजा है देह का बाजार. जब लोगों की माली हालत ठीक होने लगती है तो पहले वह खुद और परिवार के लेबल को दुरूस्त करता है. उसके बाद बचे रूपयों को वह ऐश-मौज में खर्च करने लगता है. कोई लड़की या औरत अपनी मर्जी से अपना देह बेचती है तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है. जबरन धंधा करवाना या फिर उससे आसपास के लोगों को परेशानी होना गलत है. पहले घने बाजारों में देह व्यापार का काम चलाया जाता था और उसके लिए हर महीने पुलिस को ‘नजराना’ था. अब पुलिस की घौंस से बचने के लिए बड़ी ही सफाई और खामोशी से रिहायशी इलाकों में जिस्मों का धंधा चलाया जाने लगा है.

हैरानी की बात ही है कि रिहायशी इलाकों में जिस्मफरोशी का धंधा चलता रहा और जिस्मों की गरमाहट, फुसफुसाहट, सरगोशियां, सिसकारियों से आसपास के लोग अनजान रहे. बड़े-बड़े एलसीडी स्क्रीन पर चल रहे पोर्न फिल्मों के एक-एक सीन को सामने हकीकत में बदला जाता. रोज नए नए चेहरे आते-जाते रहते पर अपार्टमेंट में रहनेवालों को कुछ गलत होने का शुबहा तक नहीं हुआ. इसकी मुख्य वजह अपार्टमेंट संस्कृति ही है, जिसमें लोग आमने-सामने के फ्लैट में रहने वालों को भी एक दूसरे की खबर नहीं होती है. कोई मतलबनहीं होता है.

क्या कहता है प्रिवेंशन ऑफ इममारल ट्रैफिक एक्ट?

संगठित जिस्म कारोबार या वेश्यावृति पर काबू पाने के लिए 1950 में अमेरिका में यह कानून वजूद में लाया गया था. भारत में प्रिवेंशन ऑफ इममारल ट्रैफिक एक्ट साल 1956 में वजूद में आया. इस कानून का मकसद जिस्मों के कारोबार पर अंकुश लगाना है. इस कानून के तहत जबरन जिस्म का धंधा कराने वाले गिरोहों से औरतों या लड़कियों को आजाद कराने का पावर प्रशासन और पुलिस को दिया गया है. इस कानून का ध्येय यही है कि जिस्म के धंधा करने और कराने वाले संगठित गिरोहों पर अंकुशा लगाना है जो औरतों को ‘माल’ के रूप में इस्तेमाल करते हैं याने खरीदने और बेचने का काम करते हैं. इस एक्ट का मकसद यौन आचरणों की पहरेदारी करना या पुलिसिंग नहीं है.

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