प्रयागराज प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू की अपील से ऐसा लग रहा था कि शहर के रोशनबाग मे शहर के रोशनबाग मे सीएए एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहा धरना समाप्त हो जायेगा या पुलिस दबाव डाल कर समाप्त करवा देगी.पुलिस आयी और दबाव भी डाला लेकिन धरना समाप्त करने की उसकी कवायद नाकाम हो गयी.

अलबत्ता पुलिस 71 दिनों से धरने मे चली आ रही एकता को तोड़ने मे जरूर कामयाब हो गयी।जनवरी मे मात्र दस लोगों को लेकर धरना शुरू करने वाली सायरा अहमद और उनकी टीम पर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मिलीभगत का आरोप लगा कर उनसे धरना संचालन का हक छीन लिया.यहां तक की उनकी टीम को मंसूर पार्क मे प्रवेश करने से भी रोक दिया.धरने के 70 वें दिन ही दोपहर मे एसपी सिटी व सिटी मजिस्ट्रेट भारी पुलिस फोर्स के साथ मंसूर अली पार्क पहुंच गये.दोनों अधिकारी करीब तीन घन्टे तक धरना दे रहे लोगों के बीच कोरोना वॉयरस और जनता कर्फ्यू को लेकर धरना समाप्त करने की कोशिश करते रहे.

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बात बनती भी नज़र आ रही थी कि इसी बीच एक इलेकट्रानिक चैनल के प्रतिनिधी के साथ आए युवक ने दूसरे इलाकट्रानिक चैनल के प्रतिनिधी को धक्का दे दिया बात हाँता पाई तक आ गई थोड़ी देर के लिए अफरा तफरी मच गई.इस बीच पुलिस प्रशासन गो बैक के नारे लगने लगे तो पुलिस बैक फुट पर आ गई.आला अधिकारी पार्क से बाहर आ गए और एक आवास मे पर बैठ कर धरनारत महिलाओं के प्रतिनिधी सायरा अहमद,अब्दुल्ला तेहामी,फराज़ उसमानी और इसरार नेयाज़ी के साथ धरना समाप्त करने को वार्ता होती रही इसमे पुलिस के अधिकारीयों दबाव बना कर धरना समाप्त करने को राज़ी कर लिया.सांय 5 बजे सायरा ने जैसे ही धरना समाप्त करने का एनाउन्समेन्ट किया धरना दे रही महिलाओं ने विरोध शुरु कर दिया.पुलिस ने बड़ी मुश्किल से इन पुराने लोगों को भीड़ से बाहर निकाला.

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