वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इन दिनों अस्पतालों में मरीजों की संख्या में  काफी कमी आई है. सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या में 80 फीसदी की गिरावट आई है.

स्वस्थ खानपान
अस्पताल में मरीजों के कम आने का एक बड़ा कारण लोगों के बीच कोरोना का खौफ भले ही हो पर डॉक्टरों का मानना है कि प्रदूषण में कमी और खानपान में सुधार के कारण भी लोग कम बीमार पड़ रहे हैं.

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प्रदूषण में सुधार
डॉक्टर्स कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण प्रदूषण में भी काफी कमी आई है और पर्यावरण में काफी सुधार हुआ है. सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बिलकुल बंद है. यहां तक कि रेल और हवाई  यात्रा भी बंद है. ऐसे में प्रदूषण में सुधार होना लाजिमी है. लॉकडाउन के कारण लोग बाहर का खाना भी नहीं खा रहे हैं. घर का बना साफसुथरा भोजन खाने से लोगों की सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वाहनों के कम चलने से सड़क दुर्घटना में भारी कमी आई है. लॉकडाउन के कारण प्रदूषण में सुधार हुआ है, जिस से इन दिनों हार्टअटैक के मरीजों और दमा व सांस संबंधी बीमारी में भी काफी कमी देखी गई है.

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विशषज्ञों की राय
सिविल सर्जन कहते हैं कि लोगों को लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण में आए सुधार और संयमित जीवनशैली से मिलने वाले लाभ के बारे में विचार करना चाहिए. बिना लॉकडाउन के भी हम प्रदूषण में कमी लाएं और संयमित जीवनशैली अपना लें तो बीमारी खुद दूर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि वायु और ध्वनि प्रदूषण न होने से ओजोन परत में भी काफी अच्छा प्रभाव पड़ा है.

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