छत्तीसगढ़ के सरगुजा मे,कोरोना विषाणु महामारी के समय काल में, एक ऐसा जघन्य अपराध घटित हुआ, जिसने संपूर्ण छत्तीसगढ़ को उद्वेलित कर दिया. दरअसल, हुआ यह कि इस सनसनीखेज अपराध में दो भाइयों की हत्या करके, घर में दफन करने का अपराध कारित हुआ.इस हाई प्रोफाइल मर्डर मे पुलिस ने अंततः सफलता प्राप्त करके आरोपियों को जेल के सींखचों में डालने में सफलता प्राप्त की. घटनाक्रम कुछ ऐसा था – सुनील अग्रवाल औ उसका चचेरा भाई सौरभ अग्रवाल दोनों को आरोपी ने अपने घर पर बुलाया और खूब शराब पिलाई और गोली मारकर हत्या करने के पश्चात अपने ही घर में दफन कर दिया. पुलिस ने लाश घर से बरामद कर ली. हमारे संवाददाता के अनुसार दोनों में एक की गोली मारकर और दूसरे की चाकू से गोदकर हत्या की गई.
दोनों भाई अंबिकापुर शहर के बड़े कारोबारी थे. उनके घर से महज 30 मीटर दूर पर ही दोनों की हत्या की गई .पुलिस की पूछताछ में जानकारी सामने आई उसके मुताबिक “जर जोरू व जमीन” जैसे उस पुराने फलसफे की सच्चाई साबित हो गई. “जर”अर्थात पैसे के लेनदेन में दोनों भाई की हत्या हुई , सुनील अग्रवाल और सौरभ अग्रवाल
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का एक पड़ोसी था, जिससे कुछ महीने पहले एक मकान इन कारोबारियों ने खरीदा था. लेकिन इसी मामले को लेकर उनमें पैसों का विवाद शुरू हो गया था. विवाद के बाबजूद इन कारोबारियों का अपने उस मित्रवत पड़ोसी के घर आना जाना बना हुआ था .
“कोरोना- काल” मे हत्या
हत्याकांड का समय बेहद अहम है. देश में चल रहे लॉक डाउन के समय यह हत्या हुई,देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिनों का लाक डाउन घोषित किया हुआ था इसी दरमियान 4अप्रैल को इस हत्याकांड की पृष्ठभूमि तैयार की गई . यहां तक कि अपने घर में 6 फीट का गड्ढा भी खोद कर तैयार कर लिया और फिर अपने घर शराब पीने दोनों को बुलाया. .योजना के मुताबिक 10 अप्रैल शाम को कथित आरोपी ने दोनों कारोबारी को अपने घर पर बुलाया, जहां सभी ने शराब पी, फिर खाना खाया. इसके बाद वही दोनों कारोबारी की हत्या कर दी गयी. और घर में ही शव को दफना दिया. संदेह के आधार पर पुलिस ने पड़ोसी की हिरासत में लिया तो पूरी वारदात का खुलासा हुआ.
शुक्रवार 10 अप्रेल को देर शाम क़रीब आठ बजे के बाद से दोनों लापता थे. जिनकी पतासाजी के लिए तीन टीमें बनाई गई थी.संदिग्ध परिस्थितियों में लापता यह दोनों व्यवसायी जिस इनोवा में निकले थे, वह लावारिस हालत में ही शहर के आकाशवाणी चौक के पास रात में ही बरामद हो चुकी थी, जिसके बाद अनहोनी की आशंका गहरा गयी थी.
दोनों की लाश गड्ढे मे …
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के ब्रम्हरोड निवासी व्यवसायी सौरभ अग्रवाल 27 वर्ष व सुनील अग्रवाल 40 वर्ष चचेरे भाई थे. दोनों अचानक गायब हो गए . उनका मोबाइल स्वीच ऑफ था. दूसरे दिन 11 अप्रैल शनिवार 2020 को परिजनों की सूचना पर पुलिस उनकी खोजबीन में जुट गई. पुलिस ने उस क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो एक कार से निकल रहे युवक की पहचान सिद्धार्थ यादव के रूप में हुई. पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने ब्रम्हरोड निवासी दोनों व्यवसायी के पड़ोसी आकाश गुप्ता का नाम बताया. जब पुलिस ने आकाश गुप्ता को गिरफ्त में लेकर पूछताछ की तो उसने 10 अप्रैल की रात ही हत्या करने की बात क़ुबूल कर ली। आकाश व उसके कथित ड्राइवर सिद्धार्थ यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या करने के बाद दोनों की लाश आकाश के घर के पीछे पूर्व प्लान के अनुसार खोदे गए गड्ढे में गाड़ दिया.
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यह तथ्य भी उजागर हुआ की व्यवसायी सौरभ अग्रवाल ने मुख्य आरोपी आकाश गुप्ता का 6 माह पहले मकान खरीदा था. आकाश ने पूरे रुपए भी ले लिए थे.6 महीने में मकान खाली करने की बात तय हुई थी. 6 महीने पूरे होने पर सौरभ ने मकान खाली करने कहा, इस बात को लेकर कुछ दिन पूर्व दोनों के बीच कहासुनी हुई थी .
विवाद के बाद भी सौरभ व उसके चचेरे भाई सुनील अग्रवाल का आकाश के घर आना-जाना था. वे साथ में बैठकर कैरम भी खेलते थे.विवाद की रंजिश व अपनी प्रोपर्टी बचाने आकाश ने उनकी हत्या का प्लान बना लिया. हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने घटना के 6 दिन पहले से ही अपने घर के पीछे गड्ढा खोदना शुरु कर दिया था.इसमें कथित ड्राइवर सिद्धार्थ यादव ने सहयोग किया. कुल जमा कोरोना महामारी के इस आपाधापी के समय में भी रुपयों के लालच में हत्या जैसा जघन्य अपराध हो गया.और पुलिस ने तत्परता के साथ आरोपियों को धर दबोचा. आरोपियों पर धारा 302, 201 भादवि के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया,जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.