इंट्रो- यह सच है कि एकता से बड़ी बड़ी मुश्किलें हल की जा सकती हैं किंतु बंटे हुए समाज में एकता लाने के प्रयास राजनेताओं द्वारा किये नहीं जा रहे बल्कि लोगों को और बांटने का प्रयास किया गया.
पूरे विश्व में फैले कोरोना महामारी को ले कर ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ)’ के महानिदेशक टेड्रोस एडहैनम घेब्रिएसुस ने सभी देशों को कड़ा संदेश देते हुए कहा “कोरोना को हराने का एकमात्र विकल्प ‘एकता’ है.” साथ ही उन्होंने सभी देशों के राजनेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा “अगर आप कोरोना से जीतना चाहते है और अपने देश के लोगों को बचाना चाहते हैं तो राजनीतिकरण को क्वारंटाईन में रखें. यह समय ब्लेम गेम खेलने का नहीं है.” अपनी बात को आगे बढाते हुए उन्होंने सभी को चेताया “बिना एकता के जो सब से प्रभुत्वशाली देश है, जहां बेहतर व्यवथा है वो भी इस की चपेट से बच नहीं पाएगा. कोरोना को ले कर राजनीति करना आग में खेलने जैसा है.”
जाहिर है यह बयान अमेरिका की डब्ल्यूएचओ को दिए धमकी के प्रतिउत्तर के तौर पर समझा जा रहा है. जिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस ब्रीफिंग में डब्लूएचओ को खुलेआम फण्ड कट करने की धमकी दे डाली. यहां तक कि डब्लूएचओ पर चीन का पक्षपाती होने का आरोप लगाया गया. यह धमकी कोई मामूली बात नहीं थी. इस धमकी ने अंतराष्ट्रीय संगठन डब्ल्यूएचओ की साख को वेश्विक स्तर पर हानि पहुंचाई. स्वास्थ्य को ले कर इस वक्त पुरे विश्व का नेतृत्व डब्ल्यूएचओ कर रहा है जिस के दिशानिर्देशो का अनुपालन हर देश की सरकारें कर रही है.