ताई के नाम से मशहूर वरिष्ठ भाजपा नेत्री सुमित्रा महाजन उन सैकड़ों भाजपा नेताओं में से एक हैं जिन्हें बेहतर मालूम है कि भाजपा आज अगर सत्ता में है तो उसकी एक बड़ी वजह लोगों को धर्म के नाम पर बरगलाकर की गई लगातार कोशिशें हैं . सालों साल की अथक मेहनत के बाद भगवा गेंग सवर्ण हिंदुओं को यह समझा पाने में कामयाब हो पाई थी कि इस देश के असल मालिक तो वे हैं लेकिन आपसी फूटम फाट के चलते राज वह कांग्रेस कर रही है जो शुरू से ही मुसलमानो , दलितों , इसाइयों और आदिवासियों की हिमायत करते मलाई इन्हीं तबकों में बांटती रही है .
8-10 करोड़ सवर्ण हिंदुओं को बताया गया कि कांग्रेस और वामपंथी हिन्दू धर्म की मान्यताओं और रीतिरिवाजों का मज़ाक बनाते रहते हैं और सही दिशा और मार्ग निर्देशन के अभाव में हम में से कई जाने अंजाने में उनका साथ देते रहते हैं . वैचारिक , वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से हिन्दू धर्म कितना और कैसे समृद्ध है इस झूठ फरेब से ज्यादा लोगों को यह बताया गया कि कैसे नेहरू कांग्रेस खानदान ने देश और धर्म को बर्बाद किया अब वक्त है कि उस परिवार का राज खतम किया जाये हो आधा मुसलमान और आधा ईसाई है यानि वर्ण संकर है .
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साल 2014 में हिंदुओं ने इस मुहिम पर महज एक बार आजमाने की गरज से मुहर लगा दी लेकिन इसके पहले इतना हो हल्ला मचाया कि बेकबर्ड कहा जाने बाला हिन्दू भी इस मुहिम का हिस्सा बन गया लेकिन जल्द ही इस तबके को समझ भी आ गया कि वह ठगा जा चुका है .
गुजरे कल की इन बातों का कोरोना संकट से गहरा ताल्लुक है क्योंकि धीरे धीरे ही सही यह साबित तो हो रहा है कि संकट के इस दौर में कोई देवी देवता कुछ नहीं कर पा रहा है . मंदिरों के कपाट भी कोरोना के डर से बंद हैं तो फिर अब तक जो समझाया और दिखाया जाता रहा था उस चमत्कारी और मायावी धार्मिक मायाजाल के कहीं अते पते नहीं हैं .
पंडे पुजारी तो हैरान परेशान हैं ही लेकिन किनारे कर दिये गए बूढ़े भाजपा नेता उनसे ज्यादा छटपटा रहे हैं कि अगर हाल ऐसा ही रहा तो पूजा पाठ के धंधे पर स्थाई ग्रहण लग जाएगा जिसकी पुड़िया फाँके बिना भाजपाई सोच पाने में भी खुद को असहाय पाते हैं .
पिलाई घुट्टी –
सांसद , केंद्रीय मन्त्री और लोकसभा अध्यक्ष रहीं सुमित्रा महाजन ने लाक डाउन के दिनों में एक पुराना और घिसा पिटा दांव खेला . उन्होने धर्म गुरुओं की तरह वीडियो के जरिये लोगों को संदेश दिया कि हम लोग आधा घंटे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ अपनी रक्षा के लिए करें . जो लोग इस मंत्र का पाठ नहीं कर सकते वे रुद्र का पाठ करें और जो यह भी नहीं कर सकते वे अहिल्यामाता के साथ अपने इष्ट देवों का जाप करते प्रार्थना करें कि वे हमें कोरोना वायरस के प्रकोप से मुक्ति दिलाएँ .
गौरतलब है कि अहिल्यादेवी कोई पौराणिक देवी नहीं हैं बल्कि होल्कर खनदान की राजकुमारी थीं और मालवा की रानी भी थीं . अब यह तो सुमित्रा महाजन जैसे महान नेता ही बता सकते हैं कि जिस महामारी से निजात दिलाने शंकर जी तक कुछ नहीं कर पा रहे उसमें अहिल्या क्या कर लेंगी उनके पास तो कोई चमत्कारी शक्ति भी नहीं थी .
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इस मेसेज का सार यह है कि हिन्दू मूर्ख हैं और मूर्खों को ही चुनते हैं जो उन्हें यह आभास कराते रहते हैं कि मूर्ख तुम नहीं बल्कि वे लोग हैं जो तुम्हें मूर्ख कहते रहते हैं इसलिए बिना किसी की परवाह किए तुम धार्मिक मूर्खताएं करते जाओ आज नहीं तो कल कल्याण होगा . फिर गर्व से कहना कि देखी सनातन धर्म के मंत्रों की शक्ति , कोरोना को भी भगा दिया .
जबकि हकीकत सामने है , इंदोर में कोरोना का कहर हर कोई देख रहा है . अब अगर भक्तों ने ताई के संदेश को दिल पर ले लिया तो शहर वीरान हो जाएगा . अगर सुमित्रा महाजन को अपने इष्टों और मंत्रों पर जरा भी भरोसा है तो क्या वे एक बार बिना मास्क लगाए , बिना हाथ धोये कोरोना मरीजों के साथ चंद घटे गुजारने की चुनौती स्वीकार करेंगी जिससे साबित हो कि वाकई धर्म इष्टों और मंत्रों की महिमा अपरंपार है . और अगर वे ऐसा नहीं कर सकतीं तो उन्हें आम लोगों को गुमराह करने के जुर्म के एवज में माफी मांगनी चाहिए .
वक्त की नजाकत और मांग यह है कि लोग एहतियात बरतें . यह तो उन्हें डेढ़ महीने में समझ आ ही गया है कि कोई भगवान कुछ नहीं कर सकता तो ताई क्यों अंधविश्वास फैला रहीं हैं . भाजपा के भविष्य की चिंता उन्हें सता रही होगी लेकिन इसके लिए आम लोगों के भविष्य और ज़िंदगी से खिलवाड़ करने का हक उन्हें किसने दिया . अब जरूरत तो इस बात की भी महसूस होने लगी है कि जो धर्म के जरिये कोरोना के कहर से मुक्ति की बात करे उसे अपराधी मानते हुये उस पर कानूनी काररवाई की जाये जिससे लोग इलाज और सावधानियों से भटकें नहीं .