मैं नई दिल्ली से आंध्र प्रदेश ऐक्सप्रैस टे्रन से इटारसी आ रहा था. रास्ते में पता चला कि यह टे्रन अब इटारसी में नहीं रुकती. भोपाल से सीधे नागपुर जा कर रुकती है. इसीलिए मैं रात में 3 बजे उठ कर तैयार हो गया. टीटीई से पूछा, ‘‘भोपाल कब तक आ जाएगा?’’ उस ने बताया, ‘‘गाड़ी आधा घंटा देरी से चल रही है. 4 बजे के आसपास आ जाएगा.’’
मुझे झपकी आ गई. झपकी टूटी तो मैं फिर टीटीई के पास गया. पूछा, ‘‘भोपाल कब तक आ जाएगा?’’ 
वह बोला, ‘‘भोपाल तो गया. अब तो आधे घंटे बाद इटारसी आने वाला है. इटारसी तो टे्रन रुकती नहीं है, सीधे नागपुर स्टौपेज है. इटारसी आउटर पर टे्रन रुक जाए तो उतर जाना.’’
मैं सामान ले कर गेट के पास खड़ा हो गया. अचानक इटारसी आउटर पर गाड़ी धीमी हुई, फिर रुक गई. मैं आउटर पर उतर गया. कई दूसरे यात्री भी उतरे. इंजन से हमारा डब्बा चौथा था. हम पत्थरों पर चल कर जैसेतैसे इंजन तक पहुंचे. ड्राइवर से मिले. उस से रिक्वैस्ट की, ‘‘क्या आप इटारसी स्टेशन पर गाड़ी रोक देंगे?’’ जवाब में ड्राइवर ने कहा, ‘‘यदि रेड सिग्नल मिला तो रोक देंगे वरना नहीं. रिस्क है, वैसे तो रुक कर ही आगे जाती है.’’
कुछ लोग पैदल चलते रहे और कुछ इंजन से लगे बे्रक वाले डब्बे में बैठ गए. मैं भी बैठ गया. गार्ड डब्बे में नहीं था. टे्रन तुरंत चल पड़ी. इटारसी स्टेशन पर ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी. सभी इटारसी उतरने वाले यात्री घबरा गए. किसी ने कहा, चेन खींच कर गाड़ी रोक दो पर वहां चेन थी ही नहीं. इतनी भीड़ में एक रेलकर्मचारी भी था जो ड्यूटी पर इटारसी जा रहा था. उस ने हिम्मत दिखाई. उस ने बे्रक में लगे एअरप्रैशर को दोचार बार दबादबा कर ड्राइवर को गाड़ी रोकने का सिग्नल दिया.
ड्राइवर लगातार हौर्न बजाने लगा. गाड़ी धीमेधीमे रुक गई. 40-50 यात्री इटारसी स्टेशन से 2-3 किलोमीटर दूर उतर गए. सुबह के 6 बजने वाले थे. सर्द हवाएं चल रही थीं. रेलपटरी के आसपास बिछे पत्थरों पर सर्दी में चलते हुए सभी स्टेशन की ओर बढ़ रहे थे. 
तभी वहां एक पुलिस वाला आ गया. उसे देख यात्री इधरउधर से निकल भागने लगे. वह पूछता रहा, ‘‘चेन किस ने खींची?’’ जब चेन खींची ही नहीं गई थी तो कोई क्या बताता. कुछ कमजोर लोगों को पकड़ कर, धमका कर पुलिस वाला 1 हजार रुपए ऐंठ कर चलता बना. जैसेतैसे हम इटारसी स्टेशन पहुंचे.
सबक मिला कि सफर के दौरान सतर्क, सचेत व सावधान रहना चाहिए. नींद व झपकी का आना स्वाभाविक है. अपनेआप को होश में रखें. एअरप्रैशर का प्रयोग कर गाड़ी रोकना, चेन खींचना गुनाह है. सतर्कता हटी, दुर्घटना घटी. सफर सुहाना वही होता है जो सुरक्षित हो.
मुकेश बत्रा, भुसावल (महा.) 

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