एक बार मैं अपनी फैमिली के साथ  अपने दादाजी के यहां छुट्टियां मनाने जा रही थी. हम लोग निजी कार से झारखंड से बिहार जा रहे थे.
रास्ते में हमें एक स्कूटर वाले ने रोका और कहा कि अपना ड्राइविंग लाइसैंस और गाड़ी के कागजात दिखाइए. हमारे पास ड्राइविंग लाइसैंस तो था लेकिन गाड़ी के कागज नहीं थे. वह आदमी अपनेआप को पुलिस विभाग का कर्मचारी बता रहा था.
गाड़ी के कागज नहीं होने के कारण उस ने 2 हजार रुपए जुर्माने के नाम पर ले लिए और कहा कि गाड़ी आगे पार्क करें, तलाशी लेनी है. जब हम ने गाड़ी साइड की तो पाया कि वह आदमी रफूचक्कर हो चुका है.
सुरुचि प्रिया, रांची (झारखंड)
 
जाड़े की कुनकुनी धूप में एक दिन मैं अपने पति और बच्चों के साथ पार्क गई. पति पार्क के दूसरे छोर पर बच्चों को झूला झुला रहे थे. इधर, बैंच पर मैं अकेली बैठी थी, तभी 70-75 साल के बुजुर्ग अंकल आए और कहने लगे कि पार्क की सभी बैंचें भरी हुई हैं. अगर आप को आपत्ति न हो तो मैं बैठ जाऊं.
मैं किनारे खिसक गई. मुश्किल से 2 सैकंड बाद ही ‘बुजुर्गवार’ ने मुझ से मेरा नाम पूछा, फिर मैं कहां की रहने वाली हूं, पूछने लगे. फिर अचानक मेरी तरफ सरक कर बढ़ने लगे. मैं उन की मंशा समझ कर अपने पति को आगे बढ़ कर आवाज देने लगी तो पीछे से वे तेजी से खिसक लिए. जब बुजुर्ग ही ओछेपन की हरकत करने लगें तो आज की युवा पीढ़ी को वे क्या सिखाएंगे.
शालिनी बाजपेयी, चंडीगढ़ (पंजाब)
 
मैं जयपुर से दिल्ली ट्रेन से लौट रहा था. जिस डब्बे में मैं बैठा था वह काफी खाली था इसलिए मैं जूता उतार कर बर्थ पर लेट गया. शीघ्र ही मुझे नींद आ गई. जब मेरी नींद टूटी तो मैं उठ कर बैठ गया.
डब्बे में काफी लोग आ गए थे. मैं ने अपने जूते जो उतार कर बर्थ के नीचे रखे थे, पहनने चाहे तो वे जूते गायब थे. तभी मेरी सामने वाली सीट पर एक नौजवान लड़के के पैरों पर नजर गई तो मैं ने क्या देखा कि मेरे जूते उस के पांव में थे. मैं यह सोच कर हैरान था कि मेरे जूते उस के पांव में कैसे पहुंचे. वह लड़का भी निश्ंिचत हो कर मेरे जूते पहने सामने वाली सीट पर बैठा हुआ था.
मैं गुस्से में चिल्ला कर बोला, ‘‘मेरे जूते उतारो. तुम ने मेरे जूते क्यों पहन रखे हैं?’’ उस लड़के ने अपने पांव से जूते उतार कर मुझे दे दिए. मैं ने तुरंत पहन लिए. मैं समझ गया कि मेरे जूते उस ने चोरी करने के इरादे से पहन लिए थे और वह वहां से खिसकने की तैयारी में था.
मेठाराम धर्मानी, राजौरी गार्डन (न.दि.) 
  

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