सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अहम मसले पर भी अपनी भूमिका तय नहीं कर पाने वाले उद्धव और राज ठाकरे लंबे समय से अवसाद में हैं. दोनों बारबार नरेंद्र मोदी और भाजपा को कोसते हैं, फिर प्रतिक्रियाहीनता देख कर एकदूसरे का मुंह ताकने लगते हैं कि अब क्या करें. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक कलाकारों को वापस जाने का फरमान भी ज्यादा तूल नहीं पकड़ पाया यानी बाल ठाकरे के ये दोनों होनहार उत्तराधिकारी भाजपाई चक्रव्यूह में घिरे हुए हैं. शिवसेना की साख महाराष्ट्र में गिर रही है और कांग्रेस व एनसीपी की बढ़ रही है. भाजपा अभी तटस्थ रुख अख्तियार किए हुए है. जाहिर है इन दोनों को वापसी के लिए कुछ हाहाकारी काम करना पड़ेगा वरना यों खिसियाते रहने से तो दुकानदारी चलने से रही.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...