मेरे मामीमामा ने हमें मुरादाबाद में अपने घर बुलाया. पति और मैं उन के घर पहुंचे. डोरबैल बजाने पर भी दरवाजा नहीं खुला. हम ने देखा दरवाजे के अंदर की चटखनी नहीं लगी थी. हम ने धक्का दे कर जैसे ही दरवाजा खोला, उन का पालतू कुत्ता भौंकता हुआ आया. हम दोनों डर गए. मैं भाभीभाभी कह कर चिल्लाई. पति डर के मारे वापस घर के बाहर भागे और दरवाजा बंद कर दिया. अचानक मुझे खयाल आया कि कुत्ते को पुचकारना चाहिए. मैं ने जैसे ही उसे पुचकारना शुरू किया, कुत्ता मेरा पांव चाटने लगा. मेरी जान में जान आई. फिर मैं ने दरवाजा खोल कर पति को अंदर बुलाया और शिकायत की, ‘‘हद कर दी आप ने. एक गाना है जिस में ‘शेर तुझे छोड़ के मुझे खा जाए’ बोला गया है लेकिन आप ने तो ‘मुझे छोड़ कर तुझे खा जाए’ वाली बात कर दी.’’पति शर्मिंदा हुए. इतने में मामामामी भी नीचे आ चुके थे. मैं ने हंसहंस कर उन को यह बात बताई. सब हंसने लगे.

– मधु गोयल, गाजियाबाद (उ.प्र.)

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मेरी सहेली के पति बहुत ही मजाकिया किस्म के इंसान हैं, साथ ही, बड़े बहानेबाज भी. कभी जब वह कहती कि आज मुझे 3 बजे न्यू मार्केट जाना है, आप छोड़ देंगे? तो फौरन कहते कि अरे, तुम्हें 3 बजे जाना है और मुझे तो 2 बजे ही जाना है, कैसे छोड़ सकता हूं भला? कभी वह पूछती कि आज कितने बजे आप को जाना है तो कह देते, अरे भाई, आज तो मैं कहीं नहीं जा रहा, घर पर बैठ कर ही काम करूंगा, बहुत काम है. मतलब, एक न एक बहाना उन का तैयार रहता. वह बेचारी मन मसोस के रह जाती. एक दिन घर पर उस की बेटी आई हुई थी और मेरी सहेली को एक मीटिंग में जाना था 3 बजे. सुबह से वह कह रही थी कि मुझे मीटिंग में जाना है, आप छोड़ दीजिएगा. लेकिन उस के पति का का हां में जवाब मिल ही नहीं रहा था. एकाएक बेटी जोश में उठी और बोली, ‘‘पापा, आप रोज बहाना बनाते हो, कुछ भी हो, आज आप को मम्मी को छोड़ना ही होगा.’’

उस की बात सुन कर भी वे तैश में नहीं आए और बड़ी मासूमियत से बोले, ‘‘क्या बात करती हो बेटे? मैं तुम्हारी मम्मी को कैसे छोड़ सकता हूं? मैं ने तो उन को सात जनम तक साथ देने का वचन दिया है न.’’ उन का जवाब सुन कर बेटी एकदम सकते में आ गई, उस से कुछ कहते ही न बना. बाद में बेटी के साथ मेरी सहेली भी बहुत देर तक हंसती रही.

– अनीता सक्सेना, भोपाल (म.प्र.)

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