जवाहरलाल नेहरू से ले कर कपिल सिब्बल और अरुण जेटली तक कई वकील कामयाब राजनेता साबित हुए पर रामजेठमलानी की कामयाबी वकालत तक ही सिमट कर रह गई क्योंकि वे किसी के भरोसेमंद नहीं रह पाए. सपा के सहारे राज्यसभा में पहुंचे जेठमलानी अब मुलायम सिंह की जीहुजूरी में जुट गए हैं. समाजवादी सिंधी सभा द्वारा लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में रामजेठमलानी नरेंद्र मोदी पर बरसते रहे कि उन्होंने अपने चुनावी वादे पूरे नहीं किए और भाजपा उत्तर प्रदेश में भी चुनाव हारेगी, तो तय करना मुश्किल हो गया कि वे दुर्वासा शैली में श्राप दे रहे हैं या भृगु की स्टाइल में भविष्यवाणी कर रहे हैं. यह भड़ास या कुंठा रंग लाएगी या नहीं, इस में अभी वक्त है पर अंतर यह है कि जेठमलानी नमकहलाली अधिनियम का हालफिलहाल निष्ठा से पालन कर रहे हैं.

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