जमाना अब ब्रैंडेड राजनीति का है. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी प्यार की राजनीति पर जोर दे रहे हैं तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पूर्वोत्तर राज्यों की हिंसा के कीचड़ में कमल खिलने का सपना देख रहे हैं. तीसरे किस्म की जो राजनीति तमिल अभिनेता रजनीकांत करने जा रहे हैं वह आध्यात्मिक राजनीति होगी.
यह आध्यात्म क्या बला होती है, यह आज तक न कोई ढंग से समझ पाया और न ही कोई समझा पाया. अब इस में राजनीति की छौंक रजनीकांत ने लगा दी, तो लगता है प्रयोगवादी राजनीति के इस नए दौर में नेता भी भगवान को पाने की बात करने लगे हैं. तमिलनाडु की राजनीति द्रविड़ आंदोलन की गोद में पलीबढ़ी है जो मूलतया अनीश्वरवादी है. अब रजनीकांत इस में ईश्वरवाद भी घुसाने का जोखिम उठा रहे हैं तो तय है परदे के पीछे कोई और भी है. जब परदा पूरी तरह उठेगा तभी पता चलेगा कि आध्यात्मिक राजनीति के माने क्या होते हैं.
VIDEO : सर्दी के मौसम में ऐसे बनाएं जायकेदार पनीर तवा मसाला…नीचे देखिए ये वीडियो
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन