चीड़ का पेड़ बहुतायत में हिमालय की पहाडि़यों में 7 हजार फुट की ऊंचाई तक पाया जाता है. इस पेड़ में पाया जाने वाला एक तत्त्व एलीकोकेम अपने आसपास किसी और पेड़ को नहीं पनपने देता. चीड़ के पेड़ का तना 3 मीटर तक मोटा होता है.
चीड़ के पेड़ के ये गुणधर्म काफी हद तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिजाज से मेल खाते हैं. शायद इसीलिए अपने स्टाइलिश प्रधानमंत्री के लिए केंद्रीय कपड़ा मंत्री अजय टमटा चीड़ की लकड़ी के रेशे से बनी हुई जैकेट तोहफे में देंगे जिस का नाम, लौंचिंग से पहले ही, नमो वस्त्र रखा गया है. आदमी जब जंगल में रहता था तब पेड़ की पत्तियों और छाल से ही तन ढकता था. अब आधुनिक मानव के लिए यह फैशन हो गया है. यों चीड़ के पेड़ की यह चीरफाड़ यानी शोध काफी दिनों से चल रहा था पर अब वैज्ञानिकों ने इस के रेशे से कपड़ा बनने की पुष्टि कर दी है तो सब से पहले नमो जैकेट बनाई जाएगी. नरेंद्र मोदी से इस शोध का मतलब न पूछें. यह चाटुकारिता का नायाब नमूना है.
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