18 दिन कुरुक्षेत्र की धूल फांकने के बाद ही अर्जुन को कृष्ण यह समझा पाने में कामयाब हुआ था कि यह मोह ही सारे फसाद की जड़ है. सत्ता की लड़ाई में कोई अपनापराया नहीं होता, इसलिए हथियार उठा और अपनों का वध कर वरना ये तुझे मार डालेंगे. लोकतांत्रिक युग में इस उपदेश को नरेंद्र मोदी ने लोकतांत्रिक तरीके से ही अपनाया और स्मृति ईरानी को अल्पज्ञान देने के बाद गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पर उम्र का सुदर्शनचक्र चलाते इस्तीफा ले लिया. सही मानों में अब नरेंद्र मोदी को समझ आ रहा है कि कमजोर लोग देश तो बाद में डुबोएंगे, उस के पहले खुद उन को ही डुबो देंगे. इसलिए राजनीति की महाभारत में इन प्यादों का कोई काम नहीं.
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