मेरे पति बहुत मजाकिया व हाजिरजवाब हैं. एक बार उन के दोस्त ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी बहुत बातूनी है. वह किसी भी टौपिक पर घंटों बोल सकती है.’’ इस पर मेरे पति बोले, ‘‘तेरी भाभी तो बिना टौपिक के भी घंटों बोल सकती है,’’ इस पर सब हंस पड़े और मैं मन ही मन मुसकराते हुए इन की बुद्धि की तारीफ करने लगी.

संगीता जोशी, जलगांव (महा.)

 

मेरी दोस्त के पति बनारस के रहने वाले हैं, लेकिन दिल्ली में रहते हैं. सौफ्टवेयर इंजीनियर हैं. शादी की पहली वर्षगांठ पर वे अपनी बीवी को मौल में शौपिंग कराने के लिए ले गए. रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर जा कर दुकानदार से कहा, ‘‘मेरी बीवी के लिए गमछे वाला कुरतापजामा दिखाइए.’’

दुकानदार ने उन की तरफ घूर कर देखा, फिर मेरी दोस्त की तरफ. वह एकदम सकपका गई और बोली, ‘‘अरे भाईसाहब सलवारसूट दिखाइए जिस के साथ दुपट्टा भी हो.’’     

उपमा मिश्रा, गोंडा (उ.प्र.)

 

मेरे देवर की शादी थी. मेरी अभी नईनई शादी हुई थी. पति को टूर पर जाना पड़ा. जब वापस आए तो घर मेहमानों से भरा था. हमें एकांत नहीं मिल रहा था जिस कारण मेरे पति बहुत परेशान थे. एक दिन इन्होंने मुझ से कहा, ‘‘मेरे दोस्त रमेश के घर समारोह है और हम दोनों को वहां जाना है.’’

मैं ने कहा, ‘‘मेहमानों से घर भरा है. मैं कैसे जा सकती हूं,’’ पर ये नहीं माने. हार कर मुझे हां कहना पड़ा. फिर इन्होंने मां से कहा, ‘‘मां, रमेश के घर समारोह है और हम दोनों को बुलाया है.’’ मां ने इजाजत दे दी. ये मुझे एक होटल में ले गए, जहां इन्होंने पहले से ही कमरा बुक करवा रखा था. 4-5 घंटे वहां गुजारने के बाद हम घर आ गए. हम जैसे ही घर पहुंचे उसी समय इन का मित्र रमेश भी आ पहुंचा.

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