हमारा संयुक्त परिवार है, घर काफी बड़ा है. डेढ़ साल से कोई मेड भी नहीं थी. ऐसे में ससुरजी ने एक लड़की को काम पर रखा. लड़की चुप रहती पर काम तेजी से व साफसफाई से करती थी. वह सुबह 10 बजे आती और शाम 6 बजे जाती. उसे काम पर आए 3 दिन ही हुए थे. एक दिन मैं ने उसे शाम को 5 बजे छोटी देवरानी के रूम से आते देखा. मैं ने पूछा, ऊपर क्यों गई थी तो कहने लगी वाशरूम गई थी. मैं ने कहा, हमारे यहां सर्वेंट वाशरूम अलग बना हुआ है. ऊपर मत जाया करो. 10 मिनट बाद ही वह घर चली गई. मुझे शक हुआ. मैं ने चैक किया. उस ने मेरी ही अलमारी से नकदी व कुछ जेवर चुरा लिए थे. वह मेरी अलमारी पर नजर रखे थी. लेकिन परिवार के साथ सहयोग व पुलिस प्रशासन की तत्परता से 4 घंटे के भीतर ही वह पकड़ी गई. मुझे मेरा सामान मिल गया.

सोनाली जैन, राजनांदगांव (छ.ग.)

*

मेरी पड़ोसिन के यहां एक महिला आई. उस ने खुद को शहर की नामी दुकान का कर्मचारी होना बताया. पड़ोसिन को दुकान की एक स्कीम बताई और उसे 2 नारियल (जो मिट्टी के बने हुए थे) दिए. उस ने कहा कि नारियल को फोड़ने पर एक में से दुकान से कोई भी इलैक्ट्रौनिक सामान खरीदने पर 3 हजार से 5 हजार रुपए तक का डिस्काउंट कूपन व दूसरे नारियल में से एक निश्चित उपहार की पर्ची निकलेगी. पड़ोसिन उस महिला की बातों में आ गई. उस ने महिला से 500 रुपए में मिट्टी के 2 नारियल खरीद लिए. एक नारियल को फोड़ने पर दुकान का 5 हजार रुपए का डिस्काउंट कूपन निकला. दूसरे नारियल में से चम्मच सैट की पर्ची निकली. वह महिला, पड़ोसिन को चम्मच सैट, जिस की कीमत 100 रुपए होगी, और दुकान के नाम का डिस्काउंट कूपन दे कर चलती बनी. दूसरे दिन पड़ोसिन डिस्काउंट कूपन ले कर दुकान पहुंची. दुकानदार ने ऐसी किसी भी स्कीम देने से इनकार कर दिया. उस ने कहा कि वह महिला हमारी दुकान की कर्मचारी नहीं है, साथ ही यह कूपन भी फर्जी है. 

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