मेरी पोती प्रीशा पढ़नालिखना पसंद नहीं करती. पढ़ने के लिए जब भी बोलो तो कोई न कोई बहाना बना देती. हर तरह से समझा दिया, फिर भी नहीं सुनती. मैं ने कहा कि बादाम रोज खाने से दिमाग तेज होता है. फिर पढ़ाई में अपनेआप मन लगता है. लेकिन उसे तो बादाम भी पसंद नहीं. मैं ने एक दिन उसे 2 बादाम जबरदस्ती खिला दिए. फिर क्या था, पढ़ने बैठी तो सारा होमवर्क कर के ही दम लिया. मैं ने पूछा, ‘यह सब कैसे हुआ? तो फटाक से जवाब मिला, ‘2 बादाम खाए थे न, दिमाग तेज हो गया और सब हो गया. अब मैं रोज खाऊंगी फिर किसी को कुछ कहना नहीं पड़ेगा.’

हम सब खुश, वह भी खुश.

डा. बीना गोयल, इंदौर (म.प्र.)

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एक दिन मैं ने अपनी छोटी बेटी श्रेया से अपने नए सिम कार्ड के नंबर को नोट करने को कहा कि बेटी, मेरे नए सिम कार्ड का नंबर कहीं नोट कर लो, ताकि नया नंबर मिलाने में तुम लोगों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े. कुछ दिनों बाद मुझे ध्यान आया कि मैं ने अपनी बेटी से नया नंबर नोट करने के लिए कहा था, देखूं कि उस ने नोट किया है कि नहीं, यह जानने के लिए मैं ने उस से पूछा, बेटा, मेरे नए सिम कार्ड का नंबर तुम ने नोट कर लिया? श्रेया ने सिर हिलाते हुए कहा, ‘हां पापा, मैं ने अपने मोबाइल में आप का नया नंबर सेव कर लिया है.’

मैं ने पूछा, ‘कैसे नया सिम नंबर सेव किया है, जरा मुझे भी बताना तो?’ श्रेया ने तपाक से कहा, ‘मैं ने पापा नं. 2 के नाम से आप का नया आइडिया सिम कार्ड नंबर सेव कर लिया है.’

इतना सुन मेरे मुख से जोर का एक ठहाका गूंजा. ठहाका लगते ही मेरी बेटी मेरा मुंह ताकती रह गई.

शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, फिरोजाबाद (उ.प्र.)

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रेडियो पर ‘नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए…’ गीत आ रहा था. मेरे देवर ने से कहा, ‘भाभी, सब गाने औरतों पर ही क्यों बनते हैं? जैसे ये गाने, ‘दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ…’ या ‘तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है, ओ मां…’

मैं ने कहा, ‘मर्दों पर भी गाने जरूर होंगे. वैसे अभी कोई याद नहीं आ रहा है. पास में ही बैठा मेरा 5 वर्षीय भतीजा तपाक से बोला, ‘‘नाना पर गाना मुझे याद है, ‘नाना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे…’’’ उस की हाजिरजवाबी एवं भोलेपन पर हम सब हंस दिए.

संध्या, बेंगलुरु (कर्नाटक)

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