कुछ दिन पहले हम अपने भाईभाभी को ले कर ताजमहल देखने के लिए आगरा गए. प्रवेशद्वार पर हमारे पास जो भी खानेपीने की चीजें थीं, रख ली गईं. सामान्य औपचारिकता पूरी होने के बाद हम अंदर पहुंचे. अचानक भाभी की तबीयत खराब हो गई. डाइबीटिक होने के कारण उन्हें तुरंत कुछ खानेपीने की जरूरत थी. मेरे पति ताज के बाहर से कोल्डड्रिंक्स लाने के लिए चले गए. लेकिन उन के जाने व आने के बीच की अवधि में भाभी की तबीयत और भी खराब हो गई.

तभी एक दंपती पर हमारी नजर पड़ी. उन की गोद में बच्चा था. उन्होंने अपने साथ बच्चे के लिए दूध का पाउडर रखा था. हमारी परेशानी देख कर उन लोगों ने वह पाउडर भाभी के लिए दे दिया. धन्य हैं वह दंपती जिन्होंने अपने बच्चे की भूख की परवा न करते हुए वक्त पर भाभी की जान बचाई.

नीरू श्रीवास्तव, मथुरा (उ. प्र.)

 

एक बार मैं अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थी. मैं गर्भवती थी. रास्ते में एक छोटा बच्चा सड़क पर भागता हुआ निकला. उसे बचाने के चक्कर में मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ गया और मैं अपनी सीट से फिसल गई. सड़क पर गिरतेगिरते मैं ने अपने पति की बैल्ट पकड़ ली. रुकतेरुकते भी मोटरसाइकिल 25-30 फुट घिसटती गई. लेकिन इतना घिसटने के बाद भी मु?ो कुछ न हुआ और मेरा बच्चा भी बच गया. मैं बैल्ट न पकड़ती तो जाने क्या होता.

आशा गुप्ता, जयपुर (राज.)

 

हमें अपने लिए जल्दी ही एक फ्लैट लेना था. हम ने कई बिल्डरों के फ्लैट देखे. उन में से एक फ्लैट ठीक लगा. हम ने फ्लैट की बुकिंग करा ली और बुकिंग राशि के लिए चैक बिल्डर को दे दिया. घर आ कर हम खुश थे कि मनपसंद जगह उचित कीमत में मिल गई.

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