टेलीकौम रेग्युलेटरी अथौरिटी औफ इंडिया (TRAI) ने डिपार्टमेंट औफ टेलीकौम (DoT) को नेटवर्क टेस्टिंग से जुड़ी एक और बड़ी सिफारिश की है. यदि TRAI की तरफ से की गई सिफारिश पर अमल किया गया तो आप किसी भी नेटवर्क पर फ्री कौलिंग की सुविधा का लाभ उठा पाएंगे.

हालांकि यह सुविधा आपको एक निश्चित समय समयावधि के लिए मिलेगी. ट्राई की तरफ से DoT को की गई यह सिफारिशे ऐसी टेलीकौम कंपनियों के लिए हैं जो बाजार में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है.

ट्राई की तरफ से कहा गया है कि बाजार में आने वाली कोई भी नई टेलीकौम कंपनी 90 दिन तक टेस्टिंग फेज के तौर पर अपनी सेवाएं ग्राहकों को फ्री में उपलब्ध करा सकती है.

रेग्युलेटरी की तरफ से यह भी कहा गया है कि टेलीकौम औपरेटर चाहे तो इस फेज को स्पेशल रिक्वेस्ट के अंतर्गत DoT को वास्तु स्थिति बताकर बढ़वा भी सकता है. साथ ही टेस्ट के दौरान टेलीकौम कंपनी को यूजर्स की एक सीमित संख्या को ही एनरोल करने की अनुमति होनी चाहिए.

ट्राई ने कहा है कि टेलीकौम सर्विस प्रोवाइडर अपनी सेवाओं के कामर्शियल लौन्च से पहले नेटवर्क टेस्टिंग के लिए टेस्ट सब्सक्राइबर्स एनरोल कर सकते हैं.

इस बारे में ट्राई ने यह भी सुझाव दिया कि टेस्ट सब्सक्राइबर की संख्या एक सर्कल में टेलीकौम कंपनी की इंस्टौल्ड नेटवर्क कैपेसिटी के पांच फीसदी पर सीमित रखी जाए. इसके तहत सर्विस प्रोवाइडर को कैपेसिटी कैल्कुलेशन से संबंधित कागजात कम से कम 15 दिन पहले ट्राई और DoT को भेजने होंगे.

टेस्ट फेज की सीमा 90 दिनों की होनी चाहिए. यदि टेलीकौम सर्विस प्रोवाइडर इस समय में नेटवर्क टेस्टिंग नहीं कर पाता तो उसे थोड़ा और समय दिया जा सकता है. इसी के साथ नेटवर्क औपरेटर टेस्ट पीरियड के दौरान उपभोक्ताओं को बदल नहीं सकता.

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