वर्ष 2007 के बाद रुपए में 9 दिनों की सब से लंबी गिरावट और शेयर बाजार सूचकांक में उदासी का माहौल तब अचानक उत्साह में परिवर्तित हो गया जब अमेरिकी निवेशक बैंक मोर्गन स्टेनली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा मानसून रहते, अच्छे सेवाकर की व्यवस्था तथा रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में कटौती के नतीजे में मजबूती का रुख करेगी. उस के बाद बाजार ने 25 मई को तेजी पकड़ी और सूचकांक 1मार्च के बाद पहली बार एक दिन में सर्वाधिक ऊंची छलांग लगा गया. रुपया भी लगातार 9 दिनों की गिरावट से 42 पैसे की मजबूती के साथ बंद हुआ. इस से पहले 20 मई को रुपया 15 जनवरी के बाद सब से बड़ी गिरावट पर बंद हुआ था. रुपए की कमजोरी में गिरावट के साथ ही सूचकांक लगभग गिरावट के रुख पर ही चलता रहा.

मोर्गन के अनुमान बाजार के लिए जो सुखद और उत्साहजनक आंकड़े ले कर आया है उस से बाजार में लगातार मजबूती रहने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है. सरकारी एजेंसियां शेयर बाजार के इस रुख को मोदी सरकार के 2 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के रूप में पेश करने में जुटी हैं.

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