आजकल प्राइवेट सेक्टर में नौकरी को लेकर अनिश्चतता बढ़ गई है. ऐसे में अगर किसी भी वजह से आपकी नौकरी चली जाती है और आपको तुरंत नई नौकरी नहीं मिलती है. तो आपको जरूरी खर्च के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है.
अब आपका प्रौविडेंट फंड अकाउंट बेरोजगारी में आपका खर्च चलाएगा. यानी आपको पीएफ अकाउंट से जरूरतें पूरी करने के लिए पैसे भी मिल जाएगा और आपका पीएफ अकाउंट भी बना रहेगा.
नौकरी जाने पर एक माह में निकाल सकेंगे पीएफ का 75 फीसदी पैसा
पीएफ विड्राअल के नए नियम के तहत अगर किसी मेंबर की नौकरी चली जाती है तो वह 1 माह के बाद पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकाल सकता है. इससे वह बेरोजगारी के दौरान अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है.
इस तरह से मेंबर पीएफ अकाउंट से पैसा भी निकाल सकता है और उसके अकाउंट में 25 फीसदी रकम बचेगी. नई नौकरी मिलने पर उसके पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन फिर से शुरू हो जाएगा.
पहले पैसा निकालने पर बंद हो जाता था पीएफ अकाउंट
पहले के नियमों के तहत अगर कोई मेंबर 2 माह तक बेराजगार रहता था तो वह अपने पीएफ का पैसा निकाल सकता था. हालांकि उस समय मेंबर को पीएफ से पूरा पैसा निकालना पड़ता था. इसके बाद उसका पीएफ अकाउंट बंद हो जाता था. इससे नई नौकरी मिलने पर मेंबर को नया पीएफ अकाउंट खुलवाना पड़ता था.
ईपीएफओ ने क्यों लिया यह फैसला
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ का कहना है कि मेंबर्स को नौकरी चली जाने पर जरूरी खर्च के लिए पीएफ से पैसा निकालना पड़ता था. आंशिक विड्राअल की सुविधा न होने के कारण मेंबर्स को पीएफ से पूरा पैसा निकालना पड़ता था. भले ही उसे पूरे पैसे की जरूरत न हो. इस तरह से उसका पीएफ अकाउंट बंद हो जाता था. मेंबर्स को इससे नुकसान हो रहा था. और इसकी वजह से उसके पीएफ अकाउंट में इतना पैसा जमा जमा हो पाता था जो उसके रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो.
EPFO ने लिया था निर्णय
जून में हुई इम्प्लायज प्रोविडेंड फंड और्गनाइजेशन (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड औफ ट्रस्टी की बैठक में यह फैसला लिया गया था. 6 दिसंबर को लेबर मिनिस्ट्री ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है.
रोजगार मिलने के बाद चालू हो जाएगा अकाउंट
75 फीसदी पैसा निकालने के बाद ईपीएफओ में अकाउंट रहना एक बड़ी सुविधा है, जिसे रोजगार मिलने के बाद फिर से चालू किया जा सकता है.
60 फीसदी का था प्रस्ताव
हालांकि पहले यह प्रस्ताव रखा गया था कि बेरोजगार होने पर एक माह बाद 60 फीसदी राशि निकालने की इजाजत दी जाए, लेकिन सीबीटी ने यह लिमिट बढ़ा कर 75 फीसदी कर दी.