हमें किसी भी बैंक के एटीएम से कैश निकालने की सुविधा लगभग एक दशक पहले मिली थी. अब जल्द ही बैंक अपने कस्टमर्स को बचत खाते में पैसा डालने के लिए किसी भी बैंक के एटीएम में डिपॉजिट करने की सुविधा दे सकते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने तीन बैंकों के एक पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर दिलीप अस्बे ने कहा, 'हमें एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए आरबीआई से ग्रीन सिग्नल मिल गया है. हम पायलट प्रोजेक्ट अगस्त के दूसरे हफ्ते तक शुरू कर देंगे. इसके लिए हम डुअल मशीन यूज करेंगे जिनमें कैश निकालने और जमा करने, दोनों की फैसिलिटी होगी.'पायलट प्रोजेक्ट के लिए जिन तीन बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया गया है उनमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक शामिल हैं.
यह व्यवस्था लागू होने पर बैंक कस्टमर्स पैसा डिपॉजिट करने के लिए किसी भी बैंक के कियोस्क में जा सकेंगे. वहां वे अपने सेविंग्स एकाउंट में कैश डिपॉजिट कर सकेंगे. अस्बे ने कहा, ‘इस फैसिलिटी से नई पीढ़ी के उन एटीएम को बढ़ावा मिलेगा, जो रीसाइकल्ड कैश पर काम करते हैं. इससे मशीन में कैश रीलोड करने की प्रॉब्लम दूर हो जाती है और लोगों को एक बार में एक नोट के बजाय पूरी रकम जमा करने में मदद मिलेगी. हिताची और ओकेआई जैसी जापानी कंपनियों ने देश में ऐसे एटीएम पेश किए हैं.’