बिहार में रहने वाले सुधा दूध के उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है. दूध निकाल लिए जाने के बाद सुधा का पाउच अब तक डस्टबिन की शोभा बढ़ाता है. लेकिन शायद अब यह कमाई का जरिया बन जाए. पर्यावरण संरक्षण को लेकर वन विभाग ने जो नई स्कीम बनाई है उससे यह संभव हो सकता है. ग्राहकों को दूध के दाम में राहत देकर जेब भरने के साथ पर्यावरण की सुरक्षा की भी प्लानिंग है.

क्या है नई स्कीम

इस स्कीम में सुधा दूध के पाउच को डस्टबिन में फेंकने से रोकने के लिए अनूठी योजना तैयार की गई है. इसके तहत सुधा दूध का खाली पाउच वापस दुकान पर लौटाना होगा. इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ बचत भी होगी.इस योजना में एक लीटर वाला खाली पाउच लौटाने पर सुधा दूध के मूल्य में एक रुपये की राहत देने की योजना है.

इसी तरह आधा लीटर का पैकेट लौटाने पर पचास पैसे की राहत दी जाएगी. अगर दूध नहीं लेना हो तो नकद पैसे वापस किए जाएंगे. काम्फैड और वन विभाग दोनों में इस प्रस्ताव पर सहमति बन गई है. अब पाउच पर दो तरह के दाम प्रिंट होंगे. इसमें पाउच लौटाने वाल के लिए अलग दाम और नहीं लौटाने वालों के लिए अलग मूल्य प्रिंट होगा.

पाउच संग्रह की योजना अनूठी

वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक डीके शुक्ला ने बताया कि देश में बिहार पहला राज्य बनेगा जो सुधा दूध के पाउच का संग्रह करवायेगा. इसके कई लाभ होंगे. सबसे बड़ा लाभ नगर निगम को मिलेगा क्योंकि नाले प्लास्टिक से जाम हो जाते हैं. खाली पाउच वापस करने पर नियत पैसे वापस हो जाएंगे या दूध लेने पर दाम कम हो जाएगा. खाली दूध पाउच के संग्रहण का जिम्मा दूध लाने वाले वाहन का होगा.

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