फ्लिपकार्ट ने ज्यादातर टॉप-सेलिंग प्रॉडक्ट्स के लिए 'रिटर्न पॉलिसी' बदल दी है. पहले वह कस्टमर को ऐसे प्रॉडक्ट्स लौटाने के लिए 30 दिन का समय देती थी, जिसे अब घटाकर 10 दिन कर दिया गया है. कंपनी ने सेलर्स को यह भी बताया है कि 20 जून के बाद उन्हें अधिक कमीशन देना पड़ेगा.

ई-कॉमर्स कंपनियां बिना सवाल पूछे प्रॉडक्ट्स लौटाने का ऑप्शन कस्टमर्स को देती हैं, लेकिन इससे लॉजिस्टिक्स लेवल पर उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं. वहीं, कस्टमर्स के प्रॉडक्ट्स लौटाने से सेलर्स की लागत भी बढ़ती है. इसमें उन्हें रिटर्न शिपिंग का बोझ खुद उठाना पड़ता है. रिटर्न पॉलिसी में बदलाव से फ्लिपकार्ट के सेलर्स की चिंता कुछ हद तक दूर होगी. वहीं, कमीशन बढ़ाने का फैसला मुनाफे में आने के लिए किया गया है.

देश की ज्यादातर टॉप ई-कॉमर्स कंपनियां अब तक मुनाफे में नहीं आ पाई हैं. फ्लिपकार्ट की प्रतिद्वंद्वी एमेजॉन ने भी हाल में कमीशन बढ़ाया था. सेलर्स का कहना है कि फ्लिपकार्ट की रिवाइज्ड पॉलिसी के चलते उसके प्लेटफॉर्म पर सामान के दाम में 9% के करीब बढ़ोतरी हो सकती है. नई रिटर्न पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक्स, बुक्स और मोबाइल फोन जैसी कैटेगरी पर लागू होगी. फ्लिपकार्ट की सेल्स में इन सेगमेंट्स की बड़ी हिस्सेदारी है. 30 दिन की रिटर्न पॉलिसी सिर्फ कपड़ों, फुटवियर, वॉचेज एंड आईवियर, ज्वैलरी, फैशन एक्सेसरीज और बड़े अप्लायंसेज के लिए रहेगी.

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