500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट वापस लिए जाने के बाद जो हालात बने हैं, उसका बैंकों पर भी बुरा असर पड़ रहा है. बैंकों पर परेशान ग्राहकों को रिलीफ पहुंचाने का जबरदस्त दबाव है. उनके सारे एंप्लॉयीज नोट एक्सचेंज, नकदी देने और डिपॉजिट लेने में लगे हुए हैं क्योंकि बैंकों की ब्रांच के आगे कस्टमर्स की लंबी लाइन लग रही है. इससे बैंकों के लोन देने के मेन बिजनेस पर बुरा असर पड़ा है. कॉरपोरेट लोन को छोड़ दें तो होम, कार, बाइक और कंज्यूमर गुड्स लोन का काम रूक गया है.

इससे बैंकों की लोन रिकवरी भी प्रभावित हो रही है, जिसकी मार वे बर्दाश्त नहीं कर सकते. हाल के क्वॉर्टर्स में बैंकों को बढ़ते बैड लोन की वजह से प्रोविजनिंग बढ़ानी पड़ी है. सूत्रों का कहना है कि बैंकों के परफॉर्मेंस पर इसका कितना असर होगा, अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.

यह इस पर निर्भर करेगा कि हालात सामान्य होने में कितना समय लगता है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग काम में लगे बैंक एंप्लॉयीज को सभी ब्रांच में तैनात किया गया है ताकि वे लोगों की परेशानियां दूर कर सकें.

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