रिलायंस जियो ने टेलीकौम में एंट्री के साथ ही धमाल मचा दिया था, तो क्या मुकेश अंबानी की टु-डु लिस्ट में अगली बारी क्रिप्टोकरेंसी की है? क्या अब जियो बिटकौइन की तरह क्रिप्टोकरेंसी लाने की तैयारी कर रही है? एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो इन्फोकौम खुद की क्रिप्टोकरेंसी जियो कौइन लाने की योजना पर काम कर रही है. एक रिपोर्ट का दावा है कि 50 सदस्यों का एक दल ब्लौकचेन टेक्नोलौजी पर काम कर रहा है. यह टीम मुकेश के बड़े बेटे आकाश अंबानी की देखरेख में काम कर रही है.
रिपोर्ट् में कहा गया है कि कंपनी का टार्गेट 25 साल तक के 50 लोगों को भर्ती करके आकाश अंबानी की टीम तैयार की जाएगी.
क्या है ब्लौकचेन टेक्नोलौजी
ब्लौकचेन टेक्नोलौजी दरअसल एक तरह की ट्रांजैक्शन लिस्ट का रिकौर्ड है, जिसे क्रिप्टोग्राफी से लिंक और सिक्योर किया जाता है. हर ब्लौक में एक हैश प्वौइंटर होता है जो इसे दूसरे ब्लौक से जोड़ता है. यह टेक्नोलौजी दो लोगों के बीच हुए ट्रांजैक्शन को रिकौर्ड कर सकता है. इसमें रिकौर्ड की जानकारियां कौपी नहीं की जा सकती हैं. यह डेटाबेस क्लाउड पे होते हैं ताकि इसमें कोई भी किसी प्रकार का छेड़छाड़ न कर सके और न ही स्पेस की कमी हो.
साधारण शब्दों में कहें तो ब्लौकचेन एक ऐसी टेक्नोलौजी है जिससे बिटकौइन का कारोबार चलता है.
रिलायंस जियो के जियो कौइन लेकर आने की खबर उस वक्त आई है जब साउथ कोरिया में क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों और इन्हें मान्यता देनेवाले बैंकों पर सरकार की कठोर कार्रवाई करने के बाद दुनियाभर में बिटकौइन की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. दक्षिण कोरिया में क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों पर ताले जड़ने की तैयारी से क्रिप्टोकरंसी की दुनिया में मांग का सबसे बड़ा स्रोत सूख जाने का डर है. गौरतलब है कि दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी की खपत में अकेले 20 प्रतिशत हिस्सा दक्षिण कोरिया का है.
ब्लूमबर्ग के जुटाए आंकड़ों के मुताबिक, बिटकौइन की कीमत 12 प्रतिशत गिरकर 12,801 डौलर पर आ गई. बाद में 6 प्रतिशत तक सुधार आया. वहीं, रिपल 14 प्रतिशत जबकि इथेरियम 4 प्रतिशत टूट गई. दरअसल, दुनियाभर की सरकारें डिजिटल करेंसीज के बढ़ते दाम से लोगों में इसके प्रति बढ़ती दीवानगी से चौकन्ना हो गई हैं. लोगों से लेकर वौल स्ट्रीट बैंक्स तक को क्रिप्टोकरेंसीज आकर्षित कर रही है.
मौजूदा दौर में भारत में क्रिप्टोकरेंसी लीगल नहीं है. भारत में भी वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक औफ इंडिया (आरबीआई) ने भी चेतावनी दे दी है कि लोग बिटकौइन का लेनदेन अपने रिस्क पर करें. लेकिन अगर जियो ऐसी कोई तैयारी कर रहा है तो संभव है आने वाले समय में यहां इसे लीगल किया जाए.
भारत में फिलहाल यूजर्स बिटकौइन से पैसे कमाने के लिए जेब पे नाम के एक ऐप का सहारा लेते हैं. यहां बिटकौइन को खरीदा और बेचा जा सकता है. बहरहाल, जियो ने डिजिटल करंसी बनाने से जुड़ी खबरों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट कौन्ट्रैक्ट्स के लिए ब्लौकचेन टेक्नौलजी का फायदा उठाने की अंबानी की योजना अभी आरंभिक चरण में है.