दुनिया के सबसे बड़े निवेशक और शीर्ष धनकुबेरों में शामिल वारेन बफे की कंपनी बर्कशियर हैथवे इंक की कमान एक भारतीय संभाल सकता है. बर्कशियर हैथवे इंक ने बुधवार को अपने दो टौप एग्जिक्युटिव्स ग्रेगरी एबल और अजित जैन को प्रमोट किया गया. अब ये दोनों कंपनी के संचालन के लिए वारेन बफे का उत्तराधिकार हासिल करने के बेहद करीब पहुंच गए हैं. अजित जैन भारतीय मूल के हैं. उनका जन्म ओडिशा में हुआ था. भारतीय मूल के अजित जैन बफे के उत्तराधिकारी की दौड़ में सबसे आगे हैं. हालांकि, बफे ने इसकी अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की है.

किसे क्या मिला प्रोमोशन

बर्कशियर हैथवे एनर्जी के चीफ एग्जिक्युटिव 55 वर्षीय ग्रेगरी एबल को नौन-इंश्योरेंस कारोबार के लिए बर्कशियर का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है. वहीं, कंपनी के टौप इंश्योरेंस एग्जिक्युटिव 66 वर्षीय अजीत जैन को इंश्योरेंस कारोबार का वाइस चेयरमैन बनाया गया है. इसके साथ ही, दोनों को बर्कशियर के बोर्ड में भी शामिल किया गया है. उनके बोर्ड में शामिल होने से अब कंपनी के डायरेक्टरों की संख्या 12 से बढ़कर 14 हो गई है.

बफे बने रहेंगे चेयरमैन

87 वर्षीय वारेन बफे बर्कशियर हैथवे के चेयरमैन और चीफ एग्जिक्युटिव बने रहेंगे और चार दशकों तक बफे की ओर से काम करने वाले 94 वर्षीय चार्ली मंगर वाइस चेयरमैन के पद पर कार्यरत रहेंगे. दोनों अभी बड़ी पूंजी के आवंटन और अधिग्रहण समेत निवेश से जुड़े बड़े फैसले लेते रहेंगे.

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कौन हैं अजित जैन?

अजित जैन का जन्म 1951 में ओडिशा में हुआ था. 1972 में उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से ग्रैजुएशन किया और मेकनिकल इंजिनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की. 1973 से 76 के बीच वह आईबीएम में सेल्समैन रहे. 1976 में आईबीएम ने भारत में अपना औपरेशन बंद कर दिया और जैन की नौकरी चली गई. साल 1978 में वह अमेरिका चले गए और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए डिग्री लेकर मैककिंजी ऐंड कंपनी ज्वौइन की.

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